अमेठीउत्तर प्रदेश

एंबुलेंस कर्मचारियों से प्रशासन जोर-जबर्दस्ती पर उतारू।

अमेठी – 23 जुलाई से प्रदेश के सभी जिलों में 102 और 108 एंबुलेंस के सभी कर्मचारी के द्वारा अपनी मांगों को लेकर हड़ताल शुरू की गई। प्रारंभ में 3 दिनों तक यह हड़ताल मात्र सांकेतिक की थी । लेकिन जब सरकार और शासन प्रशासन के द्वारा इसको गंभीरता से नहीं लिया गया तब कर्मचारियों के द्वारा जिले की सभी एंबुलेंस को खड़ी कर चक्का जाम कर दिया गया । अब यह हड़ताल महा अभियान का रूप ले चुकी है। क्योंकि 102 और 108 एंबुलेंस के तमाम सारे कर्मचारियों के द्वारा नई ठेका नीति के तहत एजेंसी द्वारा बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है । अब इतने दिनों के बाद आखिर यह लोग जाएं तो कहां जाएं ऊपर से कोरोना काल चल रहा है । इन सभी कर्मचारियों को रोजी-रोटी का संकट दिखाई पड़ रहा है सभी लोग सड़क पर आ गए हैं । यह लोग विपरीत परिस्थितियों तथा प्रतिकूल मौसम में भी लगातार हड़ताल जारी रखे हैं । अमेठी जिले में यह धरना स्थल जिला अस्पताल के बगल खुले आसमान के नीचे तंबू लगाकर जारी है । इन लोगों अपनी कुछ मांगे हैं जिनको सरकार के द्वारा उपेक्षित किया जा रहा है । वहीं पर मांगे मानने के बजाय शासन प्रशासन के द्वारा धरना स्थल पर मौजूद कर्मचारियों को डराने धमकाने का कार्य किया जा रहा है । अमेठी जिला अध्यक्ष सुभाष चंद्र यादव ने बताया कि कल शाम को प्रशासन हम लोगों को जबरदस्ती करते हुए कोतवाली उठा ले गई। जहां पर एक समझौता पत्र पर दस्तखत कराया गया जिसके बाद हम लोगों ने कुछ एंबुलेंस रिलीज कर दी हैं। इसके उपरांत आज सुबह प्रशासन के द्वारा पुनः दबाव बनाया जा रहा है कि बाकी बची सारी एंबुलेंस को रिलीज करते हुए चलाया जाए । लेकिन अभी बाकी एंबुलेंस यहां पर खड़ी हुई है ऐसे में सरकार जब तक हम लोगों की मांगे नहीं मानती हैं तब तक हम लोग इसी प्रकार धरना प्रदर्शन करते रहेंगे । बल्कि इससे बड़ा आंदोलन करेंगे सरकार चाहे जिस हद तक जाए लेकिन हम लोग अपनी मांगो से पीछे नहीं हटेंगे और अनवरत रूप से धरना देते रहेंगे।

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