यूपी की 60 फीसदी महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित, मोटापा भी है एक कारण
लखनऊ: ऑस्टियोपोरोसिस हड्डी कमजोर होने का एक रोग है. आमतौर पर समझ सकते हैं कि इस बीमारी से फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है. शरीर में कैल्शियम की कमी की वजह से यह बीमारी होती है. महिलाओं में इसका खतरा अधिक रहता है. केजीएमयू की महिला डॉक्टरों के मुताबिक प्रदेश में लगभग 60 प्रतिशत महिलाएं इस बीमारी से ग्रस्त हैं. वैसे यह बीमारी बड़े स्तर पर इलाज कराने योग्य है. अधिकतर महिलाएं 30 वर्ष की आयु के बाद बहुत मोटी होने लगती हैं. इससे इनकी नई हड्डियां बननी समाप्त हो जाती हैं और पुरानी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. अस्पताल में रोजाना 2 से 3 मामले आते हैं. हड्डी रोग के पीड़ितों तथा आमजन तक ऑस्टियोपोरोसिस को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 20 अक्टूबर को ‘विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस’ मनाया जाता है.
क्वीन मैरी अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ अंजू बताती है कि अस्पताल में बहुत सारी गर्भवती महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी की शिकार होती हैं और इस बीमारी के दौरान नार्मल डिलीवरी कराने में भी काफी दिक्कत होती है. रोजाना 1 से 3 केस ऑस्टियोपोरोसिस के आते हैं. ऐसे केस बहुत ही सेंसिटिव माना जाता है और उन्हें एचडीयू (हाई डिपेंडेंसी यूनिट) में रखा जाता है. उन्होंने बताया कि हाल ही में एक अध्ययन हुआ था. जिसमें प्रदेश के सभी बड़े अस्पतालों से डाटा कलेक्ट किया गया था. अध्ययन की रिपोर्ट में यह आया था कि प्रदेश में 60 प्रतिशत महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस से ग्रसित है. इसकी वजह से ठीक से खानपान न करना. अस्पताल के रिसर्च के अनुसार 45 वर्ष से ज्यादा उम्र की हर तीन में से एक महिला को ऑस्टियोपोरोसिस के कारण फ्रैक्चर की आशंका हाेती है.
डॉ. अंजू बताती है कि महिलाओं में इस बीमारी के होने के चांस ज्यादा होती है. महिलाएं हमेशा अपने खानपान में लापरवाही बरतते हैं खाने में न उन्हें कैसे मिलता है और न ही प्रोटीन ठीक से विटामिन डी की कभी कमी रहती है. इन्हीं सब कारणों की वजह से ज्यादातर महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी की शिकार हो जाती हैं. डॉक्टर ने कहा कि अगर महिलाएं अच्छी तरह से हेल्दी डाइट लें, जिसमें आयरन, कैल्शियम, मैगनीशियम, विटामिन-डी, विटामिन-के, प्रोटीन शामिल होंगे तो कभी भी कोई भी बीमारी नहीं भेज सकती है.
ऑस्टियोपोरोसिस के संकेत
– हड्डी में बार-बार फ्रैक्चर
– त्वचा में रुखापन
– ऑस्टियोपोरोसिस
– ज्यादा कमी से अंगुलियां के सुन्न होने की समस्या
– हृदय की धड़कनें असामान्य
– शरीर में लगातार थकावट
– हाथ और पांव में दर्द रहना
– कमर में दर्द की शिकायत
ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव
क्वीन मैरी अस्पताल की डॉ अंजू बताती है कि ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव के लिए अपने आहार में भरपूर मात्रा में कैल्शियम का सेवन करें. नवजात बच्चों और किशोरों को कैल्शियम की सबसे ज्यादा जरूरत होती है व उन्हें कैल्शियम की 60 प्रतिशत मात्रा भोजन के माध्यम से मिल जाती है, इसलिए उनका आहार कैल्शियम से भरपूर होना चाहिए. युवाओं और 21 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों में कैल्शियम की मात्र 20 प्रतिशत मात्रा भोजन के माध्यम से शरीर में पहुंच पाती है इसलिए उन्हें कैल्शियम के लिए सप्लीमेंट्स पर निर्भर रहना पड़ता है.