माफियाओं और अपराधियों पर कहर बनकर टूटी योगी सरकार, कई अपराधी किए ढेर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साढ़े चार साल पहले सीएम पद संभालते ही प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने का वादा किया था।
यूपी पुलिस का अपराधियों में है खौफ
जिसके बाद प्रदेश में धड़ाधड़ एनकाउंटर की खबरें सामने सामने आईं। वहीं अपराधियों के अंदर यूपी पुलिस का खौफ अभी भी बरकरार है। प्रदेश में पुलिस के डर से बड़े-बड़े अपराधी और माफिया प्रदेश छोड़कर या तो भाग गए या आत्मसमर्पण कर दिए हैं।
लोक कल्याण पत्र में किया था वादा
गौरतलब है कि बीजेपी के लोक कल्याण पत्र में गुंडाराज को जड़ से खत्म करने का वादा किया गया था। सीएम योगी ने न सिर्फ भाजपा के संकल्प पत्र के वादे को पूरा किया। बल्कि उससे एक कदम आगे बढ़ कर भविष्य में भी माफियाओं और गुंडों के लिए यूपी की राह बंद कर दी। सीएम योगी ने कहा था अपराधी या तो जेल में होंगे या प्रदेश के बाहर। कभी पुलिस प्रशासन को आंख दिखाने वाले माफियाओं, अपराधियों पर यूपी पुलिस कहर बनकर टूटी है। पुलिस ने सिर्फ मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद ही नहीं, बल्कि प्रदेश के दो दर्जन से अधिक बड़े माफिया को जेल में धकेल कर उनके नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया है।
कानून व्यवस्था को मिली मजबूती
कानून व्यवस्था को मजबूती देने के लिए प्रदेश में पूरी पारदर्शिता के साथ 1.38 लाख पुलिसकर्मियों की नियुक्ति के साथ ही सभी 1535 थानों में महिला हेल्प डेस्क और 213 नए थानों की निर्माण हुआ है। लखनऊ, नोएडा, वाराणसी, कानपुर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम को लागू किया। एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स का गठन कर आरोपियों पर कार्रवाई की। साथ ही प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए मिशन शक्ति अभियान चला रही योगी सरकार ने महिलाओं से जुड़े अपराधों पर तुरन्त कार्यवाही कर एक रिकार्ड बनाया है।
ढेर किए कई अपराधी
जहां पिछली सरकारों में माफिया और अपराधी सत्ता का संरक्षण पाते थे वहीं योगी सरकार ने माफियाओं की काली कमाई से अर्जित की गई 1,500 करोड़ रुपये से अधिक की सम्पत्तियों को जब्त किया है। 2017 के पहले तक अराजकता और दंगों के लिए जाने जाने वाला प्रदेश आज पूरी तरह से शांत है। सभी पर्व और त्यौहार शांतिपूर्वक सम्पन्न हो रहे हैं। राज्य में दहशत का पर्याय बने करीब 150 से अधिक अपराधी पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुए हैं और लगभग 2,800 से अधिक अपराधी घायल हुए हैं। यूपी में गैंगेस्टर एक्ट में अब तक 3700 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया और 550 से अधिक अभियुक्तों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाही हुई है। यूपी सरकार और पुलिस ने जिस तरीके से राज्य में संगठित अपराध और माफियाओं पर अंकुश लगाया है वो अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण बना हुआ है।