बिजली फ्री करने से UP पर बढ़ जाएगा 23000 करोड़ का बोझ, जानें कैसे
लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव में बिजली एक बड़ा मुद्दा बनने जा रही है। सभी पार्टिंयां इसे लेकर रणनीति बनाने में जुटी हुई हैं। इस बीच आम आदमी पार्टी ने चुनावी वादे के दौर पर मुफ्त बिजली का ऑफर दिया है. AAP ने 300 यूनिट तक घरेलू उपभोक्ताओं के लिए और किसानों को मुफ्त बिजली देने का एलान किया है। आम आदमी पार्टी के इस एलान पर जानकारों का मानना है कि इससे प्रदेश पर करीब 23 हजार करोड़ से ज्यादा का अतिरिक्त वित्तीय भार बढ़ जाएगा।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा कहते हैं कि उन्होंने मुफ्त बिजली के एलान का जब अध्ययन किया तो पाया कि एक तो ये राज्य सरकार पर और बोझ बढ़ाने वाला है। दूसरा ये विकल्प दूरगामी भी नहीं है। यानी सरकार इसे एक निश्चित समय तक ही दे सकती है।
बता दें कि वर्ष 2021-22 के आकड़ों पर गौर करें तो यूपी में लगभग 2 करोड़ 75 लाख घरेलू उपभोक्ता हैं। इनसे जिनसे कुल राजस्व लगभग 26,741 करोड़ आता है। इस समय सरकार की ओर से कुल घोषित सब्सिडी लगभग 11 हजार करोड़ है। अगर 300 यूनिट तक घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली मुफ्त कर दी जाए तो उपभोक्ताओं की कुल संख्या लगभग 2 करोड़ 43 लाख के करीब होगी। उनसे वर्तमान में जो राजस्व अनुमोदित है, वह लगभग 21186 करोड़ है। यानी फ्री बिजली देना है तो लगभग 21182 करोड़ की अतिरिक्त सब्सिडी देनी होगी।
इसी तरह किसानों को मुफ्त बिजली देने की जहां तक बात है तो प्रदेश में ऐसे किसानों की कुल संख्या लगभग 13 लाख है। उनका कुल अनुमोदित राजस्व लगभग 1845 करोड़ है। यानी किसानों को बिजली फ्री करने के लिए अतिरिक्त लगभग 2000 करोड़ की सब्सिडी सरकार को देना होगा।