नम आंखों के बीच संगम में विसर्जित हुई कल्याण सिंह की अस्थियां
प्रयागराज। जय श्रीराम के उदघोष के बीच यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की अस्थियां प्रयागराज के संगम में शुक्रवार को विसर्जित कर दी गईं। कल्याण सिंह का अस्थि कलश उनके पुत्र सांसद राजवीर सिंह लेकर प्रयागराज पहुंचे। साथ में सांसद की पत्नी और पुत्र भी मौजूद थे। कर्मकांड तीर्थ पुरोहित रोहित शर्मा ने पूर्ण कराया।
पूर्व सीएम को विशिष्टजनों ने किया नमन
इस मौके पर यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, पूर्व राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी, कैबिनेट मंत्री सिंद्धार्थ नाथ सिंह, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री नरेंद्र कुमार सिंह गौर, संसद केशरी देवी पटेल, विधायक हर्षवर्धन वाजपेई सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे। सभी ने पूर्व मुख्यमंत्री के चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया और उनके कार्यों को भी याद किया।
श्रीराम के नाम पर पद छोड़ दिया था : डिप्टी सीएम केशव मौर्य
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी मंदिर आंदोलन के दिनों को याद किया। कहा, वह श्रीराम के अनन्य भक्त थे। यही वजह रही कि कुर्सी की चिंता न करते हुए अपनी जिम्मेदारी को समझा और श्रीराम के नाम पर पद छोड़ दिया। इसी क्रम में कैबिनेट मंत्री सिंद्धार्थ नाथ सिंह ने नमन करते हुवे कहा, सच्चे सुशासक थे। उनके कार्य काल में तमाम सुधारवादी कदम उठाए गए। अस्थि विसर्जन के दौर बाबूजी अमर रहे। इस दौरान जय श्रीराम का उद्धगोष होता रहा।
पूर्व विधान सभा अध्यक्ष केशरीनाथ त्रिपाठी बोले- जन नेता थे कल्याण सिंह
उत्तर प्रदेश के पूर्व विधान सभा अध्यक्ष पंडित केसरी नाथ त्रिपाठी ने कल्याण सिंह को जन नेता बताया और कहा श्रीराम मंदिर आंदोलन के अग्रणी लोगों में वह शामिल थे। उनका एक ही लक्ष्य था अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर बने। आज वह स्वप्न आकार ले रहा है।
कल्याण सिंह ने प्रयागराज को दी थी सौगात
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह ने प्रयागराज को मुक्त विश्वविद्यालय की सौगात दी थी। यह सौगात थी उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की। यूपी के पूर्व शिक्षा मंत्री नरेंद्र कुमार सिंह गौर ने कल्याण सिंह से मुक्त विश्वविद्यालय के लिए मांग की थी। उस समय यह तय कर दिया गया था कि पुरुषोत्तमदास टंडन के नाम पर यह मुक्त विश्वविद्यालय होगा।
नकल रोकने संबंधी अध्यादेश भी किया था पारित
कल्याण सिंह ने माध्यमिक शिक्षा को सुधारने के लिए नकल रोकने संबंधी अध्यादेश पारित किया था। इससे शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार भी नजर आया था। उस समय प्रदेश में सरकारी इंजीनियरिंग कालेज थे लेकिन उसमें सीटों की संख्या सीमित थी। इससे विद्यार्थियों को अभियांत्रिकी के अध्ययन के लिए अन्यत्र जाना पड़ता था। उनकी सहूलियत के लिए उन्होंने निजी इंजीनियरिंग कालेज खोलने की अनुमति दी थी।
कारसेवकों के शुभंचिंतक थे कल्याण सिंह
उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री डाक्टर नरेंद्र कुमार सिंह गौर बताते हैं कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर को लेकर कारसेवा चल रही थी। उस दौरान कल्याण सिंह ने कहा था कि गोली नहीं चलेगी। बिना बल प्रयोग के रोक सकें तो रोक लें। 1991 में जब सरकार बनी तो डाक्टर गौर ने कल्याण सिंह को बताया कि 1989 में प्रयागराज में तैनात एसएसपी ने कारसेवकों के साथ बर्बरता की थी। इस पर उन्होंने तत्काल प्रभाव से हटा दिया था।