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तालिबानी शासन में भी अफगानिस्‍तान को मानवीय सहायता, दवा के बाद अब गेहूं की खेप भेजेगा भारत

अफगानिस्तान (Afghanistan) में तख्तापलट और तालिबान शासन (Taliban rule) शुरू होने के बाद वहां के राजनीतिक हालात काफी कुछ बदल गए हैं. हालांकि भारत की ओर बड़ी संख्या में वहां रह रहे भारतीयों लोगों को सुरक्षित निकालने का काम जारी है, इस बीच भारत सरकार की ओर से मानवता के आधार पर लगातार मदद भी दी जा रही है और वह अब आतंक से प्रभावित देश को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं भेजने जा रही है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने आज गुरुवार को कहा कि हम अफगानिस्तान को मानवीय मदद देना जारी रखेंगे. हम अफगानिस्तान को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं भेजने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि हम सड़क मार्ग से अफगानिस्तान को इस गेहूं की शिपमेंट के तौर-तरीकों पर पाकिस्तान के अधिकारियों के संपर्क में हैं.

पिछले हफ्ते भारत ने भेजी थी दवाइयां

इससे पहले अगस्त में तालिबान के अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के महीनों बाद, भारत ने पिछले दिनों अफगान लोगों के लिए मानवीय सहायता की अपनी पहली खेप भेजी थी. तालिबान सरकार ने इसके लिए नई दिल्ली को धन्यवाद दिया और कहा कि यह प्रक्रिया आगे भी “जारी रहेगी”.

भारत की ओर से भेजी गई मदद में ज्यादातर लगभग 2 टन दवाइयां शामिल थीं, जिसे नई दिल्ली से काबुल के लिए शनिवार को Kam Air द्वारा संचालित एक स्पेशल उड़ान के जरिए भेजी गई थी. विदेश मंत्रालय (MEA) ने तब कहा था कि इस उड़ान ने ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ के तहत काबुल से 10 भारतीय और 94 अफगान नागरिकों को नई दिल्ली लेकर आए हैं.

इस पर विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था, “अफगानिस्तान में चुनौतीपूर्ण मानवीय स्थिति को देखते हुए, भारत सरकार ने वापसी की उड़ान में चिकित्सा आपूर्ति सहित मानवीय सहायता भेजी है. इन दवाओं को काबुल में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रतिनिधियों को सौंप जाएगा और इंदिरा गांधी चिल्ड्रन हॉस्पिटल, काबुल में प्रशासित किया जाएगा.”

अफगानिस्तान ने भारत को कहा- धन्यवाद

दवाओं की खेप पर लगे लेबल पर “भारत के लोगों की ओर से अफगानिस्तान के लोगों को उपहार” लिखा हुआ था. निवर्तमान अशरफ गनी सरकार द्वारा नियुक्त किए गए भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुन्दजई ने ट्वीट कर कहा कि ये जीवन रक्षक दवाएं “इस मुश्किल समय” में अफगानिस्तान में कई परिवारों की मदद करेंगी.

इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान (आईईए) के उप प्रवक्ता अहमदुल्ला वासीक ने ट्वीट के जरिए कहा, “भारत इस क्षेत्र में एक अग्रणी देश है. अफगानिस्तान-भारत संबंध बहुत महत्वपूर्ण हैं.” उन्होंने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा कि आने वाले दिनों में अफगानिस्तान को भारत से कई तरह के चिकित्सा उपकरण मिलने की उम्मीद है, जिसे देशभर के अस्पतालों में उपलब्ध कराया जाएगा.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची अफगानिस्तान मसले के इतर अमेरिका के साथ संबंधों पर कहा कि अमेरिका के साथ हमारी बातचीत काफी गहन और नियमित रही है. हम अमेरिका के साथ अगली 2+2 वार्ता आयोजित करने को लेकर बेहद उत्सुक हैं. इस पर काम किया जा रहा है, लेकिन हमें अभी तक कोई तारीख नहीं मिली है. हालांकि मुझे नहीं लगता कि इस साल ऐसा होने जा रहा है.

ताजिकिस्तान के विदेश मंत्री की यात्रा के बारे में विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने बताया कि ताजिकिस्तान के विदेश मंत्री 18 से 20 दिसंबर तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे. वह 18 दिसंबर को विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे. वे आपसी हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री जयशंकर 18 से 20 दिसंबर तक नई दिल्ली में भारत-मध्य एशिया वार्ता की तीसरी बैठक की मेजबानी करेंगे. तुर्कमेनिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान और उजबेकिस्तान के विदेश मंत्री बैठक में भाग लेंगे. मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संयुक्त शिष्टाचार भेंट की भी उम्मीद है.

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