देश में चमक बिखेरेगी जिले की बेटी की कविताएं
- मै हिंदी हूं का हुआ चयन माटी को मिला सम्मान
सुल्तानपुर। जिले की प्रतिभाओं ने समय समय पर देश के पटल पर अपने कौशल का लोहा मनवाया है। राष्ट्रकवि पंडित राम नरेश त्रिपाठी रहे हो या मजरूह सुल्तानपुरी , अजमल साहब रहे हो या निष्ठा शर्मा , गोल्डन गर्ल अंजली या जिले के अन्य साहित्यकार सबने जनपद का नाम रौशन किया। जिले की माटी में जन्मी डॉ निरुपमा श्रीवास्तव एक बार अपनी कविताओं को लेकर चर्चा में है। हिंदी दिवस पर इनकी कविता “मैं हिंदी हूँ” का चयन भारत सरकार के फ़िल्म प्रभाग रचना व प्रसारण मंत्रालय द्वारा किया गया है। उनकी कविता पर बनी डाक्यूमेंट्री फिल्म हिंदी के बढ़ते कदम रिलीज की गई। सरकार द्वारा मैं हिंदी हूँ कविता को राष्ट्रभाषा के प्रसार प्रचार हेतु चयनित कर फिल्म को देश विदेश में रिलीज किया जाएगा।
बताते चले डॉ निरुपमा श्रीवास्तव की शिक्षा दीक्षा नगर क्षेत्र में हुई। इन्होंने फैजाबाद के टाइनी टाट्स विद्यालय में 20 वर्षो तक अध्यापन कार्य किया। दो वर्ष पहले उन्होंने त्यागपत्र दिया और पूरी तरह से हिंदी साहित्य को चुनकर साहित्य साधना में लगी हुई है। मालिक मुहम्मद जायसी सम्मान,जायसीं पंचशती सम्मान, अवध भारती सम्मान, सृजन सम्मान, हिंदी रत्न सम्मान, कदीपुर साहित्य सम्मान, उड़ान पत्रिका की तरफ से सात बार सर्वश्रेष्ठ रचनाकार का सम्मान प्राप्त कर चुकी डॉ निरूपमा श्रीवास्तव की कहानियां, मुक्तक, छंद, गजले, और कविताये देश की अनेक पत्रिकाओं में छपती रहती है। विदुषी गार्गी के ऊपर उनके द्वारा लिखे गए महाकाव्य का विमोचन दिसंबर माह में होने वाला है । “मैं हिंदी हूँ” के चयन पर जिले व नगर क्षेत्र के साहित्य प्रेमियों ने प्रसन्नता व्यक्त कर शुभकामनाएं दी।