देशद्रोह मामले में पूर्व गवर्नर अजीज कुरैशी को बड़ी राहत! इलाहाबाद HC ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक, योगी सरकार से भी मांगा जवाब
यूपी समेत कई राज्यों के पूर्व गवर्नर रह चुके अज़ीज़ कुरैशी को देशद्रोह से जुड़े मामले में बड़ी राहत मिली है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. पूर्व गवर्नर अजीज कुरैशी के खिलाफ रामपुर में देशद्रोह का केस दर्ज किया गया था. यह मुकदमा अजीजद कुरैशी पर इसी साल 6 सितंबर को रामपुर के सिविल लाइंस थाने में दर्ज किया गया था. जिसके बाद उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी. कोर्ट ने अब उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.
पूर्व गवर्नर अजीज कुरैशी के खिलाफ देशद्रोह का केस बीजेपी नेता आकाश सक्सेना की शिकायत पर दर्ज किया गया था. शिकायत में बीजेपी नेता ने कहा था कि अजीज कुरैशी ने रामपुर में सपा नेता आजम खान के घर जाकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. 81 साल के पूर्व गवर्नर पर सीएम योगी के खिलाफ विवादित बयान देने का आरोप है.
पूर्व गवर्नर की गिरफ्तारी पर रोक
इसी बयान के आधार पर पूर्व गवर्नर के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. पूर्व गवर्नर कुरैशी ने इस FIR को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. उन्होंने कोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक के साथ ही एफआईआर रद्द किए जाने की मांग की थी. उनकी अर्जी पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने आज पूर्व गवर्नर कुरैशी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले पर यूपी सरकार से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने सरकार को मामले में अपना जवाब दाखिल करने के लिए 4 दिन का समय दिया है. आज इस मामले की सुनवाई जस्टिस प्रीतिकर दिवाकर और जस्टिस मोहम्मद असलम की डिवीजन बेंच ने की थी. अब अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी.
‘खून चूसने वाले राक्षस’ से योगी सरकार की तुलना
पुलिस ने कहा कि बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने एफआईआर में बताया था कि कुरैशी पूर्व मंत्री आजम खां के घर उनकी पत्नी और रामपुर की विधायक तंजीम फातिमा से मिलने गए थे, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार की तुलना “शैतान और खून चूसने वाले राक्षस” से की थी. पुलिस ने बताया था कि सक्सेना ने अपनी शिकायत में कहा कि कुरैशी का विवादित बयान दो समुदायों के बीच तनाव पैदा कर सकता है और सांप्रदायिक दंगा भी भड़क सकता है.