बसपा सरकार के कार्यकाल में हुए स्मारक घोटाले में तत्कालीन लोक निर्माण विभाग मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी से विजिलेंस ने 6 घंटे तक पूछताछ की. करीब 4200 करोड़ों रुपए के स्मारक घोटाले में नसीमुद्दीन सिद्दीकी के अलावा तत्कालीन खनन मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को विजिलेंस ने बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा था. नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मंगलवार शाम को अपने बयान दर्ज कराए जबकि बाबू सिंह कुशवाहा शुक्रवार को बयान दर्ज कराने जाएंगे.
100 से अधिक सवाल पूछे गए
विजिलेंस सूत्रों के मुताबिक नसीमुद्दीन सिद्दीकी से स्मारक घोटाले से जुड़े 100 से अधिक सवाल पूछे गए. वर्ष 2014 में लखनऊ और नोएडा में तत्कालीन बसपा सरकार के कार्यकाल के दौरान स्मारक घोटाला हुआ था. स्मारकों के निर्माण कार्यों की समीक्षा नसीमुद्दीन सिद्दीकी के आवास और कार्यालय में ही होती थी. पूर्व मंत्री से विजिलेंस के अधिकारियों ने निर्माण कार्यों में लगी फर्मों-कंपनियों और उनके संचालकों-ठेकेदारों के बारे में जानकारी ली. टेंडर की प्रक्रिया, निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग, स्मारकों में लगने वाले पत्थर और अन्य सामग्री के बारे में भी पूछा.
फिर हो सकती है पूछताछ
अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा समेत निर्माण निगम के जिन अधिकारियों के नाम चार्जशीट में शामिल हैं और जिन अधिकारियों का नाम घोटाले में सामने आया था, उन सभी से भी पूछताछ की जाएगी. सूत्रों का कहना है कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने विजिलेंस के सभी सवालों का जवाब घुमा फिरा कर दिया. उनका कहना था कि घोटाले में वो शामिल नहीं हैं और ना ही उनकी कोई भूमिका थी. विजिलेंस सूत्रों के मुताबिक नसीमुद्दीन सिद्दीकी को दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है.
इन्हें किया गया था गिरफ्तार
मामले में विजिलेंस ने कुछ दिन पहले ही घोटाले के आरोप में निर्माण निगम के तत्कालीन वित्तीय परामर्शदाता एसके त्यागी, महाप्रबंधक सोडिक कृष्ण कुमार और इकाई प्रभारी कामेश्वर शर्मा को गिरफ्तार किया था. घोटाले में तत्कालीन संयुक्त निदेशक खनन एसए फारुकी का भी नाम सामने आया था. विजिलेंस अब इन सभी से पूछताछ की तैयारी कर रही है.