लखनऊ: एलडीए के दो रिटायर्ड बाबुओं समेत 9 लोगों पर एफआईआर
लखनऊ: जालसाजों से सांठगांठ कर प्लॉट कब्जा करने के मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण के दो बाबुओं सहित 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. जानकारी के मुताबिक लखनऊ विकास प्राधिकरण के दो बाबुओं से जालसाजों ने सांठगांठ कर प्रियदर्शनी योजना में 1,250 वर्ग फीट के 4 प्लाटों को कब्जा कर लिया. इतना ही नहीं उनमें से तीन प्लॉट की रजिस्ट्री भी कर दी गई. एलडीए की जांच के बाद जब यह खुलासा हुआ तो शनिवार शाम को गोमती नगर थाने में एलडीए की ओर से शिकायत पत्र दिया गया.
एलडीए के अनुभाग अधिकारी की तहरीर के आधार पर दो बाबू समेत नौ लोगों के खिलाफ गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. बताते चलें कि जिन दो बाबुओं के नाम शामिल हैं, उसमें श्रीकृष्ण और अमर सिंह के खिलाफ पहले भी एक मामले में मुकदमा दर्ज है. यह दोनों आरोपी बाबू एक बड़े घोटाले में वांछित हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक, प्रियदर्शनी योजना में कुछ प्लॉट के मालिकों के नाम फर्जी तरीके से दर्ज किए गए हैं. इस रिकॉर्ड में श्रीकृष्ण की कंप्यूटर यूजर आईडी का इस्तेमाल किया गया है तो वहीं दूसरे बाबू अजय प्रताप वर्मा की यूजर आईडी का इस्तेमाल किया गया है. जिन प्लाटों में फर्जी तरीके से नाम दर्ज किए गए हैं, उन प्लॉटों की कीमत लगभग 3 करोड़ से अधिक है. शातिर जालसाजों ने बाबू से सांठगांठ कर एलडीए के ऑनलाइन रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा लिया था. इस मामले की शिकायत एलडीए को कुछ समय पहले मिली थी, जिसकी जांच एलडीए के सचिव पवन गंगवार द्वारा की जा रही थी. खुलासा होने पर लखनऊ विकास प्राधिकरण ने चारों प्लाट को अपने कब्जे में ले लिया. इसके साथ ही भूखंड का नक्शा भी निरस्त कर दिया गया है.
गोमती नगर इंस्पेक्टर केशव कुमार तिवारी की मानें तो एलडीए के अनुभाग अधिकारी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है. तहरीर के आधार पर दो रिटायर्ड बाबू श्रीकृष्ण और अमर सिंह समेत रामायण प्रसाद यादव, घनश्याम कुमार वर्मा, अजय प्रताप वर्मा, देवेश नारायण त्रिपाठी, अमर सिंह, अजय गुप्ता, राजेश तिवारी और रघुराम सिंह शामिल हैं. आरोप है कि इन्होंने हाईटेंशन लाइन के लिए छोड़ी गई जमीन पर कब्जा कर लिया है. इंस्पेक्टर का कहना है एलडीए ने शिकायत पत्र में लिखा है कि हाईटेंशन लाइन के नीचे घर नहीं बनाए जा सकते हैं, जिसको लेकर प्लॉट काटते समय उसके नीचे की जगह छोड़ दी जाती है. इसी तरह प्रियदर्शनी योजना सेक्टर सी में भी 4 प्लाटों को छोड़ दिया गया था. मगर इन लोगों ने एलडीए के दो बाबुओं से सांठगांठ कर उन पर भी कब्जा कर लिया गया था, जो अब एलडीए ने अपने कब्जे में ले लिया है.