मुख्तार अंसारी की आजमगढ़ और लखनऊ में करोड़ों की संपत्ति होगी जब्त, प्रशासन ने शुरू की तैयारी
बहुजन समाज पार्टी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. मुख्तार अंसारी के साथ ही उनके परिजनों और करीबियों पर शिकंजा कसता जा रहा है. उनकी पत्नी के नाम से खरीदी गई जमीन और अन्य संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
पुलिस के मुताबिक, आजमगढ़ में तरवां थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के तहत मुख्तार अंसारी की संपत्ति जब्त की जाएगी. उनकी संपत्ति का आंकलन शुरू कर दिया गया है. जांच में पता चला है कि लखनऊ में विधानभवन मार्ग पर उनकी करोड़ों की जमीन है. आजमगढ़ के एसपी ने लखनऊ के डीएम को पत्र भेजकर अंसारी के लखनऊ की संपत्ति का सर्किल रेट का पता लगाने को को लेकर रिपोर्ट मांगी है.बताया गया कि जांच रिपोर्ट आते ही पुलिस कार्रवाई शुरू कर देगी. मुख्तार अंसारी के अलावा पुलिस उसके गिरोह के अन्य साथियों की संपत्ति का भी ब्यौरा जुटा रही है.
अंसारी को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने पत्नी की याचिका पर सुनवाई से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बहुजन समाज पार्टी (BSP) के विधायक मुख्तार अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से एक और झटका लगा है. कोर्ट ने अंसारी की पत्नी की एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने राज्य में मुकदमे की कार्यवाही में हिस्सा लेने के दौरान उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद अपने पति की सुरक्षा के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया था.
न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने मुख्तार की पत्नी अफशां अंसारी को इस संबंध में इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर करने को कहा. इससे पहले इस साल मार्च में, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका पर मुख्तार को पंजाब की रूपनगर जेल से उत्तर प्रदेश की जेल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था.
अंसारी की पत्नी ने कहा, उनकी जान को यूपी में है खतरा
मुख्तार की पत्नी ने याचिका में कहा कि याचिकाकर्ता के पास इस अदालत का रुख करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है क्योंकि उत्तर प्रदेश में उनके पति की जान को खतरा है जिसका इस अदालत ने 26 मार्च के अपने फैसले में उल्लेख भी किया था. इससे पहले, प्रयागराज में विशेष अदालत में एक अर्जी दाखिल की गयी थी जिसमें कहा गया था कि जेल के अंदर मुख्तार की जान को खतरा है.
मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश की मऊ विधानसभा सीट से बसपा विधायक हैं. मुख्तार के खिलाफ उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में 50 से अधिक आपराधिक मामले लंबित हैं और उन्हें इस साल 26 मार्च को जारी शीर्ष अदालत के निर्देश के बाद सात अप्रैल को बांदा जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था.