‘प्रयागराज कुंभ राज्य के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला’, कांग्रेस नेता ने कहा CAG की रिपोर्ट में योगी सरकार की खुल गई सारी पोल
उत्तर प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनाव (2022 assembly election) से पहले राज्य के बड़े दल कांग्रेस (Congress) ने बीजेपी सरकार (Bjp Goverment) पर कुंभ (Kumbh) में घोटाला करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस के विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह ने मंगलवार को कहा कि कुंभ के आयोजन में उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला हुआ है. इतना बड़ा घोटाला योगी सरकार ने हो जाने दिया और इसमें घोटाले में मिले भ्रष्टाचारियों को ढाई साल का समय बीजेपी सरकार द्वारा दिया गया. यदि सही समय से इस पर सरकार ने कार्य किया होता तो कई मंत्री और अधिकारी इस भ्रष्टाचार के चलते जेल चले गये होते.
दीपक सिंह ने कहा कि हमने सदन में इस तरफ बीजेपी सरकार का ध्यान आकर्षण किया था लेकिन योगी सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया और भ्रष्टाचारियों को पूर्ण संरक्षण प्रदान किया. अब कैग (CAG) की ऑडिट रिपोर्ट ने बीजेपी सरकार के पारदर्शिता के झूठ को दुबारा सबके सामने लाकर रख किया है
कैग की रिपोर्ट ने सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी
उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ फिजूलखर्ची को रोकने के नाम पर बड़े-बड़े दावे करती है और दूसरी तरफ जनता के पैसे से भष्ट्राचारी अपनी जेब भरते हैं. 2019 में प्रयागराज में आयोजित हुए कुंभ मेले में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ. उस समय भी कुम्भ में हुए भ्रष्टाचार पर सवाल उठे लेकिन सरकार ने भ्रष्टाचार को धर्म की नाम देकर दबा दिया था, लेकिन सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट ने सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी. उन्होंने कहा कि कुंभ मेले के लिए 2743.60 करोड़ रुपए आवंटित हुए, जिसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ और पैसे का अपव्यय किया गया. कुंभ मेले में जिन 32 ट्रैक्टर को खरीदा गया, उनके रजिस्ट्रेशन नंबर मेल नहीं खाते. वह कार, मोपेड और स्कूटर के नंबर पंजीकृत हैं.
विभागों के बजट खर्चे की जानकारी नहीं कराई गई उपलब्ध
दीपक सिंह ने कहा कि कैग रिपोर्ट में विभिन्न विभागों से कुम्भ के लिए आवंटित बजट पर सवाल खड़ा किया है. कुंभ मेला अधिकारी ने अन्य विभागों के बजट खर्चे की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई, जिससे उस बजट के खर्चे का विवरण ही नहीं मिल सका. कुम्भ मेले में आपदा राहत कोष से गृह विभाग को 65.87 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया, कैग ने इस पर भी सवाल उठाया है कि आपदा राहत कोष का प्रयोग तो आपदा की स्थितियों में होता है ऐसे में आवंटित धन का अपव्यय हुआ है.
कुल भुगतान से ज्यादा दिखाया गया खर्चा
योगी सरकार ने भ्रष्टाचार की समस्त सीमाओं को तब पार कर दिया जब राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के रुपये 65.87 करोड़ का इस्तेमाल कुंभ आयोजन में कर लिया और उसका हिसाब भी नहीं दिया. जिस पर सीएजी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. यही नहीं योगी सरकार ने रुपये 42000 के एक शौचालय का निर्माण किया और रुपये 231.45 करोड़ के अस्थाई टेंटों का निर्माण कराने में खर्च किया, जिसके विषय में कैग का कहना है कि इसका कुल भुगतान 143 करोड़ ही होना चाहिए था.