उत्तर प्रदेशताज़ा ख़बरवाराणसी

नकलविहीन परीक्षा का माडल बना यूपी: डा. दिनेश शर्मा

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने कहा कि यूपी सरकार ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को नया आयाम प्रदान किया है। कहा नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में प्रदेश तेजी से आगे बढ रहा है। टास्क फोर्स बनाकर चरणबद्ध तरह से कार्यवाही हो रही है। शोध को प्रोत्साहन के लिए विश्वविद्यालयों में शोध पीठ बनाई गई है। न्यूनतम साझा पाठ्यक्रम पर भी काम हो रहा है।
वह शनिवार को वाराणसी में शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। वाराणसी दौरे पर गये उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने काशी विश्वनाथ का दर्शन किया। पर्यटन मंत्री डा. नीलकंठ तिवारी ने उप मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि वर्तमान सरकार ने सत्ता में आने के बाद शिक्षा क्षेत्र में बदलाव के लिए चार मंत्र तय किए थे जिनमे तनावमुक्त विद्यार्थी, गुणवत्तापरक शिक्षा, नकलविहीन परीक्षा और सुखी मन शिक्षक शामिल है। वर्तमान सरकार ने शिक्षकों के कल्याण के लिए तमाम कार्य किए हैं। सरकार का मानना है कि शिक्षक जब सुखी होगा तो वह बेहतर तरह से शिक्षण कार्य कर सकेगा। इसलिए सरकार ने शिक्षा क्षेत्र परिवर्तनों में अहम भूमिका निभाने वाले शिक्षकों की हर परेशानी को दूर करने के उपाय किए है। पूर्व की सरकारों में सेवानिवृत्ति के बाद अपने अवशेषों के लिए शिक्षकों को कार्यालयों के चक्कर लगाने पडते थे पर वर्तमान सरकार ने इस परेशानी से मुक्ति दिलाई है। अब शिक्षक को सेवानिवृत्ति के दिन ही सभी प्रकार के अवशेष प्राप्त हो जाते हैं। ऐसा करके सरकार ने गुरु की गरिमा को फिर से स्थापित किया है।

उन्होंने कहा की कहा कि पिछली सरकारों में तबादलों के नाम पर शिक्षकों को शोषण हुआ करता था। वर्तमान सरकार ने तबादलों की ऐसी पारदर्शी आनलाइन प्रक्रिया बनाई है कि अब तबादले के लिए भी शिक्षक को इधर उधर जाने की जरूरत नहीं है। घर बैठे तबादले के लिए आवेदन किया जा सकता है। डिप्टी सीएम ने कहा कि अब शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण की ठोस व्यवस्था की गई है। परीक्षा से सम्बन्धित भुगतान भी अब तत्काल किए जाते हैं। वर्तमान सरकार ने साढे चार साल में तमाम शिक्षकों की भर्तिया भी की हैं।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने सूबे की कमान संभालने के बाद प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा प्रदान की है। पिछली सरकारों में नकल के लिए बदनाम रहा यूपी अब नकलविहीन परीक्षा का माडल बन गया है। केवल तकनीक के प्रयोग से परीक्षा का स्वरूप ही बदल दिया गया है। प्रदेश के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में अन्य राज्यों के विद्यार्थियों से प्रतिस्पर्धा के काबिल बनाने के लिए एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया गया है। पूरे देश में सबसे कम कीमत पर एनसीईआरटी की पुस्तकें केवल यूपी में उपलब्ध हैं। अभी हाल ही में डिजिटल लाइब्रेरी भी बनाई गई है जिसमें 90 हजार से अधिक सामग्री उपलब्ध है। देश के बडे बडे संस्थान इससे जुडने के लिए लालायित हो रहे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button