यूपी के कुशीनगर जिले में पुलिस की बर्बरता देखने को मिली है. पडरौना तहसील के परसौनी गांव में एक अनाथ आश्रम को खाली कराने गई पुलिस ने बर्बरता की सारी हदें पार कर दी. अनाथ आश्रम पर छापेमारी का विरोध कर रहे किशोरों को जमकर पीटा गया. पुलिस उन्हें डरा धमकाकर किशोर न्यायालय लेकर आई.
गौरतलब है कि अनाथाश्रम कई वर्षों से बिना रजिस्ट्रेशन के अवैध रूप से चल रहा था. शिकायत मिलने पर पुलिस ने यहां छापेमारी की थी. अनाथाश्रम में रहने वाले बच्चे किसी भी कीमत पर जाने के लिए तैयार नहीं थे. पुलिस ने विरोध कर रहे किशोरों को जमकर पीटा और किसी तरह डरा धमकाकर उन्हें किशोर न्यायालय ला सकी.
बाल आयोग की पूर्व सदस्य ने मारा था छापा
बता दें कि यूपी बाल आयोग की पूर्व सदस्य सुचिता चतुर्वेदी ने भी आश्रम पर छापा मारा था. इस दौरान अनाथाश्रम में भारी कमियां मिली थी. अनाथाश्रम का ना तो रजिस्ट्रेशन था और ना की किशोर और किशोरियों के लिए अलग-अलग रहने की व्यवस्था थी. इतना ही नहीं अनाथाश्रम में रहने वाले सभी बच्चों का नाम ईसाई धर्म के अनुसार रखने के साथ ही उन्हें ईसाई धर्म के अनुसार रहने के लिए शिक्षित किया जा रहा था.
कमियां मिलने के बाद सुचिता ने जिलाधिकारी को रिपोर्ट देते हुए आश्रम के बच्चों को कहीं और शिफ्ट करने की बात कही थी. जांच कराने के बाद एसडीएम सदर ने भारी पुलिस के साथ छापेमारी कर अनाथाश्रम के बच्चों को किशोर न्यायालय के सामने पेश किया. एसडीएम सदर कोमल यादव ने बताया की अनाथाश्रम बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा था जिसके कारण कार्यवाही की गई है.