किसानों, व्यापारियों व छोटे उपभोक्ताओं के बिजली बकाए के लिए जल्द लागू होगी OTS योजना, सीएम ने दिए निर्देश
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कोरोना नियंत्रण और अन्य महत्वपूर्ण विषयों को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक कर दिशा निर्देश दिए. सीएम योगी ने कहा कि किसानों, व्यापारियों और अन्य छोटे उपभोक्ताओं के बिजली बकाए के एकमुश्त समाधान के लिए यथाशीघ्र नवीन योजना प्रस्तुत की जाए. विभागीय मंत्री के साथ विचार-विमर्श कर एकमुश्त समाधान की व्यवहारिक योजना दो दिवस के भीतर प्रस्तुत की जाए.
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार बिजली बिल उपभोक्ताओं के हित का संरक्षण करने के लिए संकल्पित हैं. बावजूद इसके कई जिलों से बिजली बिल में ओवरबिलिंग और फाल्स बिलिंग की शिकायतें आईं हैं. फाल्स बिलिंग और ओवर बिलिंग के एक भी केस न आए. तकनीक की मदद से इसका स्थायी समाधान निकाला जाए. किसी भी दशा में उपभोक्ताओं का उत्पीड़न न हो.
बैठक में सीएम ने कहा कि प्रदेश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है. कोविड की ताजा स्थिति के मुताबिक प्रदेश के 21 जनपदों में एक्टिव केस शून्य हैं. जनपद अलीगढ़, अमेठी, अयोध्या, बागपत, बांदा, बस्ती, बिजनौर, चित्रकूट, देवरिया, फतेहपुर, गोंडा, हमीरपुर, हरदोई, ललितपुर, महोबा, मऊ, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, रामपुर, शामली, सुल्तानपुर में आज कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है.
यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं. औसतन हर दिन ढाई लाख टेस्ट हो रहें हैं जबकि पॉजिटिविटी दर 0.01 बनी हुई है. रिकवरी दर 98.7 फीसदी है. विगत 24 घंटे में हुई टेस्टिंग में 63 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया जबकि मात्र 12 जनपदों में इकाई अंक में मरीज पाए गए. वर्तमान में प्रदेश में कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या 258 है. यह अतिरिक्त सतर्कता और सावधानी बरतने का समय है. थोड़ी सी लापरवाही बड़ी समस्या का कारक बन सकती है.
उन्होंने कहा कि ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं. अब तक 07 करोड़ 27 लाख 49 हजार 298 कोविड सैंपल की जांच की जा चुकी है. विगत 24 घंटे में 02 लाख 22 हजार 210 कोविड सैंपल की जांच की गई और 36 नए मरीजों की पुष्टि हुई.
इसी अवधि में 16 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए. अब तक 16 लाख 86 हजार 287 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं. इस स्थिति को और बेहतर करने के लिए ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप सभी जरूरी प्रबंध किए जाएं.
वर्तमान में बारिश के कारण गड्ढों व निचले स्थानों में जलभराव से बीमारियों के फैलने का खतरा रहता है. कई क्षेत्रों में डेंगू के मरीज सामने आए हैं. मलेरिया के केस बढ़ सकते हैं. ऐसे में साफ-सफाई का बड़ा महत्व है. वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए पूरे प्रदेश में वृहद अभियान चलाए जाने की जरूरत है. सभी जिलों के लिए एक-एक नोडल अधिकारी भेजा जाए.
यह अधिकारी बाढ़-अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की भी मॉनीटरिंग करेंगे. आशा, संगिनी, आंगनबाड़ी सहित सभी संबंधित कर्मियों को सक्रिय किया जाए. ग्राम्य विकास, नगर विकास, महिला बाल विकास, स्वास्थ्य और मेडिकल शिक्षा विभाग अंतर्विभागीय समन्वय के साथ स्वच्छता और स्वास्थ्य सुरक्षा का विशेष अभियान चलाया जाए.
शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित हो. पानी उबाल कर छान कर पीने की जानकारी दें. क्लोरीन की गोलियां वितरित की जाएं. पंचायती राज और नगर विकास विभाग द्वारा बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में भी स्वच्छता-सैनिटाइजेशन का कार्य कराया जाए. यह सभी कार्य मिशन मोड में सभी 75 जिलों में तत्काल प्रारंभ कर दिए जाएं.
कोरोना के कारण असमय काल-कवलित हुए कार्मिकों के परिजनों के साथ शासन की पूरी सहानुभूति है. यद्यपि कि अधिकांश आश्रितों को सेवायोजित किया जा चुका है फिर भी जो केस अभी लंबित हैं, उन पर तत्काल निर्णय लें. यह भी कहा कि कोविड के खिलाफ लड़ाई में टीके की महत्ता स्वयं सिद्ध है. इसके दृष्टिगत, प्रदेशवासियों को टीका-कवर उपलब्ध कराने की प्रक्रिया सुचारु रूप से चल रही है. उत्तर प्रदेश में कोविड वैक्सीनेशन का आंकड़ा 07 करोड़ 41 लाख 72 हजार के पार हो चुका है.
विगत दिवस 9 लाख 61 हजार से अधिक लोगों ने टीका-कवर प्राप्त किया. अब तक 06 करोड़ 22 लाख 91 हजार से अधिक नागरिकों ने टीके की कम से कम एक खुराक प्राप्त कर ली है. यह देश के किसी एक राज्य में हुआ सर्वाधिक टीकाकरण है. टीके की सुचारु आपूर्ति के लिए भारत सरकार से सतत संवाद बनाया जाए.
सीएम ने यह भी कहा कि भविष्य की आवश्यकता के दृष्टिगत प्रदेश में ऑक्सीजन प्लांट स्थापना अभियान स्वरूप में की जा रही है. जिला प्रशासन इन प्लांट्स के स्थापना कार्य की सतत मॉनीटरिंग करें. इन प्लांट्स के संचालन के लिए आईटीआई से प्रशिक्षित 332 युवाओं को जिम्मेदारी दी गई है. स्थानीय स्तर पर पैरामेडिक्स व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का भी व्यवहारिक प्रशिक्षण कराया जाए. बहुत जल्द उत्तर प्रदेश ऑक्सीजन उत्पादन के पैमाने पर आत्मनिर्भर होगा.