किराये की संपत्तियां बेचेगा एलडीए, आय बढ़ाने के लिए लिया गया निर्णय

लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) द्वारा अपनी किराये की सम्पत्तियां जल्द ही अभियान चलाकर बेची जायेंगी। उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने प्राधिकरण की आय बढ़ाने के सम्बन्ध में बुधवार को की गई बैठक में इस सम्बन्ध में निर्देश जारी किये हैं। इसके अलावा उन्होंने व्यावसायिक, बल्कसेल, ग्रुप हाउसिंग आदि की सम्पत्तियों का भी अधिकारियों से सम्पूर्ण विवरण मांगा है। जिससे कि इनकी नीलामी की प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सके। उपाध्यक्ष के इस फैसले से प्राधिकरण की सम्पत्ति खरीदने के इच्छुक लोगों को जल्द ही इसका मौका मिल सकता है।
बैठक के दौरान प्राधिकरण की किराये की सम्पत्तियों के सम्बन्ध में उप सचिव माधवेश कुमार द्वारा बताया गया कि कुल 1840 किराये की सम्पत्तियां हैं। इसमें से कुछ सम्पत्तियों पर अवैध अध्यासियों द्वारा निवास किया जा रहा है। इस पर उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने निर्देशित किया कि टीम द्वारा स्थलीय निरीक्षण करके ऐसी सम्पत्तियों को चिन्हित किया जाये। तत्पश्चात् इन सम्पत्तियों के विक्रय हेतु अभियान चलाया जाये।
उन्होंने बैंक एवं विभिन्न कार्यालय प्रयोग हेतु किराये पर दी गई प्राधिकरण की व्यावसायिक सम्पतियों का भी विवरण देने को कहा है। इसके अलावा उन्होंने विराज खण्ड, गोमतीनगर में बने ईडब्ल्यूएस भवनों को लाटरी के माध्यम से बेचे जाने के भी निर्देश दिये। उपाध्यक्ष ने सामुदायिक केन्द्र, शमन शुल्क तथा पार्कों से होने वाली आय व बकाया धनराशि के सम्बन्ध में मुख्य अभियंता इंदु शेखर सिंह को अगामी बैठक में पूर्ण विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
बैठक के दौरान मुख्य नगर नियोजक नितिन मित्तल द्वारा वर्ष 2020-21 में स्वीकृत मानचित्रों के सापेक्ष क्रय योग्यृ एफ.ए.आर एवं वाह्य विकास शुल्क का विवरण प्रस्तुत किया गया। इस पर उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी द्वारा वर्ष 2020-21 से पूर्व के वर्षों में क्रय योग्य एफ.ए.आर तथा वाह्य विकास शुल्क में अवशेष धनराशि का विवरण प्रस्तुत करने और सभी बकायेदारों को नोटिस निर्गत कर वसूली करने के निर्देश दिये गये।
इसके अलावा उपाध्यक्ष द्वारा बंधा शुल्क में प्राधिकरण को प्राप्त होने वाली अवशेष राशि का विवरण भी मांगा गया। उपाध्यक्ष ने विशेष कार्याधिकारी अमित राठौर को प्राधिकरण की व्यावसायिक, बल्कसेल, ग्रुप हाउसिंग, स्कूल, नर्सिंग होम एवं ट्रस्ट की सम्पत्तियों का विवरण अगली बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने कहा कि व्यावसायिक सम्पत्तियों के डिफाल्टरों को चिन्हित करके उनसे वसूली/निरस्तीकरण की कार्यवाही की जाये और सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह में व्यावसायिक सम्पत्तियों की नीलामी की प्रक्रिया सुनिश्चित कराई जाये। बैठक में वित्त नियंत्रक राजीव कुमार समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।