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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को लगा झटका, उपेक्षा का आरोप लगा AICC के दो सदस्यों ने दिया इस्तीफा

अगले साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव (Uttar pradesh assembly election 2022) से पहले ही अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (AICC) के दो सदस्यों राजेश सिंह और शैलेंद्र सिंह ने पुराने कांग्रेसियों (Congress) की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस के लिए इसे एक और झटका माना जा रहा है. अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सदस्यों शैलेंद्र सिंह और राजेश सिंह ने रविवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को अपना त्याग पत्र भेजकर आरोप लगाया कि पार्टी में पुराने कांग्रेसियों की उपेक्षा की जा रही है.

कांग्रेसियों की उपेक्षा के कारण दे रहे हैं त्यागपत्र

राजेश सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि वह छात्र जीवन से ही कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता रहे और पिछले 25 साल से एनएसयूआई, युवक कांग्रेस तथा उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में विभिन्न पदों पर रहे. सिंह ने कहा कि वह अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सदस्य भी निर्वाचित हुए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मौजूदा माहौल और पुराने कांग्रेसियों की उपेक्षा के कारण वह त्यागपत्र दे रहे हैं.

उधर अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सदस्य शैलेंद्र सिंह ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को भेजे गए अपने त्यागपत्र में कहा है कि वह पिछले 15 साल से जनसेवा और कांग्रेस संगठन में सक्रिय रहे और वह वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संगठन सह प्रभारी तथा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मनोनीत सदस्य हैं.

2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भी कई कांग्रेसियों ने ज्वाइन की थी बीजेपी

उन्‍होंने कहा कि निष्ठावान और पुराने कांग्रेसियों की उपेक्षा के कारण वह त्यागपत्र दे रहे हैं और कांग्रेस के दोनों नेताओं ने अपने इस फैसले की जानकारी कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी व प्रियंका गांधी को भी दी है. बता दें कि इसी साल जून के दूसरे हफ्ते में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी.

कांग्रेस में ब्राह़मण और युवा चेहरे के रूप में जितिन प्रसाद अपना दखल रखते थे और उनके पिता जितेंद्र प्रसाद उत्‍तर प्रदेश कांग्रेस के अध्‍यक्ष रह चुके थे. ध्‍यान रहे कि इस साल 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भी उत्‍तर प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी, कुशीनगर जिले के तत्कालीन कांग्रेस विधायक विजय दुबे समेत कई प्रमुख नेताओं ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली थी.

रीता बहुगुणा जोशी ने राहुल गांधी पर लगाया था आरोप

रीता बहुगुणा जोशी ने तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि वह किसी की बात नहीं सुनते हैं. बीजेपी में शामिल होने के बाद रीता बहुगुणा जोशी 2017 में लखनऊ के कैंट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ीं और चुनाव जीतने के बाद उन्‍हें मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्‍व में बीजेपी की सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया. हालांकि 2019 में बीजेपी ने उन्‍हें प्रयागराज से लोकसभा चुनाव में अपना उम्‍मीदवार बनाया. इस समय रीता बहुगुणा जोशी प्रयागराज और विजय दुबे कुशीनगर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं.

प्रियंका गांधी ने नहीं उठाया कोई कदम

शैलेंद्र सिंह ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि लल्लू के कमान संभालने के बाद दल में निष्ठावान एवं पुराने कांग्रेसियों की उपेक्षा की जा रही है और यही कारण है कि कांग्रेस के समर्पित नेता लगातार पार्टी छोड़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि दल के इस स्थिति की जानकारी प्रियंका गांधी को कई बार दी, लेकिन उन्होंने कोई कदम नही उठाया और ऐसे में उनके सम्मुख कांग्रेस से त्यागपत्र देने के सिवाय कोई और विकल्प नही रह गया था.

कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश पांडेय ने कांग्रेस के दो नेताओं के त्यागपत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि दोनों नेताओं का प्रदेश अध्यक्ष से विवाद चल रहा था. कांग्रेस के प्रदेश सचिव और इलाहाबाद के प्रभारी राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कांग्रेस नेताओं के आरोप को निराधार करार देते हुए कहा है कि प्रियंका गांधी और अजय लल्लू के नेतृत्व में कांग्रेस को पंचायत और बूथ स्तर पर मजबूत करने का कार्य किया जा रहा है.

(इनपुट भाषा)

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