लखनऊ: यूपी आतंकी विरोधी दस्ता (एटीएस) टीम द्वारा रविवार को गिरफ्तार किए गए दो आतंकी नसीरुद्दीन और मिनहाज से पूछताछ की है. एटीएस की पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं. इन खुलासों में यह बात सामने आई है कि मिनहाज पहले इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में लैब असिस्टेंट का काम करता था, लेकिन साल 2016 में उसके द्वारा इंटीग्रल से नौकरी छोड़ने के बाद खदरा इलाके में एक बैटरी की एजेंसी ले ली गई थी. इसके बाद ही उसकी मुलाकात खदरा में अपने परिवार के साथ रहकर ई-रिक्शा चलाने वाले मसीरुद्दीन से हुई थी.
एटीएम के मुताबिक, मिनहाज और मसीरुद्दीन से हुई पूछताछ में यह मालूम चला है कि, मसीरुद्दीन की मुलाकात मिनहाज से तब हुई थी जब वह ई-रिक्शा चलाता था. मसीरुद्दीन ई-रिक्शा की बैटरी बदलवाने के लिए खदरा में मिनहाज की दुकान पर गया था. अक्सर उस दुकान पर उसका आना जाना लगा रहा. इसी बीच घनिष्ट मित्रता होने के बाद मसीरुद्दीन ने अपने परिवार के बारे में मिनहाज को बताया और अपनी परेशानी भी बताई थी. मसीरुद्दीन ने मिनहाज से कहा था कि ई-रिक्शा की कमाई में पूरे परिवार का खर्चा नहीं चल पाता है. तभी मिनहाज ने उससे कहा कि वह अपना ई-रिक्शा को बेचकर उसके साथ उसकी दुकान पर काम करें.
इसके साथ ही मसीरुद्दीन को यह भी कहा गया कि वह उसकी परेशानियों में उसकी मदद करेगा, जिससे उसको काफी लाभ भी मिलेगा. मिनहाज के कहने पर मसीरुद्दीन ने अपना खदरे का मकान बेच दिया और वह मडियांव इलाके में एक टूटा फूटा खंडहर मकान खरीद लिया. जिसके चारों तरफ पर्दे डालकर वह अपने परिवार के साथ रहने लगा था.
एटीएस सूत्रों की मानें तो मसीरुद्दीन और मिनहाज कई बार जम्मू-कश्मीर एक साथ गए थे. जहां पर वह अपने आतंकी संगठनों से मुलाकात करते और कई दिन वहां पर रुक कर भी आते थे, लेकिन मिनहाज लोगों को गुमराह करते हुए या बताता था कि वह अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए अलग-अलग प्रदेशों में जाता है. वहां पर बैटरी एजेंसियों के मालिक से मिलकर अपना कारोबार बढ़ाने के विषय पर बातचीत करता है. सूत्रों का कहना है कि मसीरुद्दीन के द्वारा मिनहाज के निजी बैंक खातों से जम्मू-कश्मीर में कई संदिग्ध खातों में रुपया भी ट्रांसफर किया गया है. जिस पर एटीएस उन खातों की जानकारी हासिल कर मामले की जांच करने में जुटी हुई है.