अमेठी को नशा मुक्त करने का चलाया जाएगा अभियान: डॉ० दीपक
अमेठी। शुक्रवार को गायत्री शक्ति पीठ अमेठी के संस्थापक डॉ० सुरेंद्र प्रताप सिंह की पुण्यतिथि पर हवन पूजन, दीप यज्ञ और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। शाम को दीप यज्ञ से पूर्व समाजसेवी स्व0 डॉ० सुरेंद्र प्रताप सिंह की 26वीं पुण्य तिथि पर उनके परिवार के सदस्यों द्वारा 26 वृक्ष लगाए गए । श्रीमती गायत्री सिंह व उनके पुत्र पंकज सिंह ने टीकरमाफी संस्कृत महाविद्यालय में प्राचार्य डॉ० जयदेव त्रिपाठी, डॉ० सत्यदेव मिश्र, टी०पी० सिंह व महाविद्यालय के छात्रों की उपस्थिति में तथा डॉ० दीपक सिंह व रूबी सिंह ने श्री राम नारायण इंटर कॉलेज रामदैपुर में प्राचार्य अरविंद मिश्र, अध्यापकगण व बच्चों के साथ वृक्षारोपण किया व इस धरा को हरा भरा बनाये रखने का संकल्प लिया।
गायत्री शक्तिपीठ के परिव्राजक इंद्रदेव ने अपनी गायन-वादन टीम के साथ दीप यज्ञ का सफल संचालन किया। उनके गीतों ने उपस्थिजनों को भाव विभोर कर दिया। दीप यज्ञ के दौरान महिलाओं ने 251 दीप प्रज्ज्वलित किये तत्पश्चात गायत्री मंत्रोच्चार के साथ आहुति दी गई। माँ गायत्री की प्रतिमा के समक्ष टिमटिमाते सैकड़ों दीप व संगीतमय प्रस्तुति से पूरा माहौल दिव्य बन गया। गायन टीम के गीत ‘जय महाकाल जय महाकाल’ पर श्रोतागण जमकर झूमे।
इस अवसर पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में स्व0 डॉ० सुरेंद्र प्रताप सिंह के कार्यों को याद किया गया व उनके द्वारा चलाये गए अभियान को गति देने का संकल्प लिया गया। स्व0 डॉ० सुरेंद्र प्रताप सिंह के सुपुत्र डॉ0 दीपक सिंह ने उपस्थिजनों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 26 साल बीत गए लेकिन पिताजी की यादें अभी भी ताजी लगती हैं। समाज सुधार के लिए उनकी सोच, नशा मुक्ति के दुर्व्यसन से लोगों को निकालने का उनका जुनून आज भी हमारे लिए प्रेरणा का विषय है। डॉ0 दीपक सिंह ने कहा की पिताजी ने अपनी दृढ़ संकल्प शक्ति से गायत्री शक्ति पीठ की स्थापना की। उन्होंने 2 वर्षों तक अस्वाद भोजन के व्रत का पालन करते हुए जनसहयोग से इस मंदिर का निर्माण कराया।
डॉ0 दीपक सिंह ने कहा कि अब हमने संकल्प लिया है कि अमेठी को नशे से छुटकारा दिलाने की दिशा में काम करेंगे और जो भी व्यक्ति शराब के नशे की लत से बाहर निकलेगा अगर वह आर्थिक रूप से कमजोर होगा तो उसके एक बच्चे की इंटर तक कि शिक्षा का खर्च हमारे द्वारा वहन किया जाएगा। दीप यज्ञ कार्यक्रम में स्व0 डॉ० सुरेंद्र प्रताप सिंह के छोटे सुपुत्र पंकज सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि 16 साल की उम्र में ही पिताजी का साथ छूट गया लेकिन हम सभी लोग उनके दिखाए हुए रास्ते पर आज तक चल रहे हैं।
कार्यक्रम को डॉ0 राधेश्याम तिवारी, सुभाष चंद्र द्विवेदी एवं शक्तिपीठ के व्यवस्थापक डॉ0 त्रिवेणी सिंह ने भी संबोधित किया और स्व0 डॉ० सुरेंद्र प्रताप सिंह के समाज और गायत्री शक्ति पीठ के मिशन के प्रति किए गए योगदान को याद किया। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित लोगों ने स्व0 डॉ० सुरेंद्र प्रताप सिंह को याद करते हुए उनके चित्र पर पुष्पार्चन कर उन्हें श्रद्धांजलि दिया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से रामशंकर पाठक, जगन्नाथ मिश्र, डॉ० सत्येंद्र श्रीवास्तव, डॉ० आर०पी० सिंह, विजय लक्ष्मी सिंह, डॉ० चंद्रावती, लालजी तिवारी, दिलीप सिंह सहित बड़ी संख्या में महिलाओं व युवाओं की उपस्थिति रही।