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G20 Summit के अलावा राष्ट्राध्यक्षों से मिले पीएम मोदी, विदेश सचिव बोले- इटली और भारत के बीच नए संबंधों की होगी शुरुआत

इटली में हो रहे जी-20 समिट के प्रथम सत्र की समाप्ति के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ मुलाकात की. रोम में शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की. विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों ने रणनीतिक साझेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया और वैश्विक एवं क्षेत्रीय विकास के मुद्दे समेत कई विषयों पर सहयोग को लेकर चर्चा की. इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल भी मौजूद थे.

पीएम मोदी ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग से भी मुलाकात की. इसके बाद वे इंडोनेशिया के राष्ट्रपति से भी भेंट करेंगे. अगले साल इंडोनेशिया जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन करने वाला है. उसके बाद साल 2023 में पहली बार भारत इसका आयोजन करेगा. सिंगापुर के प्रधानमंत्री से पीएम मोदी के बहुत ही घनिष्ठ संबंध है. कोरोना महामारी की दूसरी लहर में सिंगापुर से ही सबसे पहले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भेजे गए थे. जी-20 दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का एक वैश्विक मंच है. इसके सदस्य देशों में दुनिया की 80 प्रतिशत जीडीपी, 75 प्रतिशत वैश्विक कारोबार शामिल है. इस समूह की आबादी दुनिया की कुल आबादी का 60 प्रतिशत है.

इटली और भारत के बीच सहयोग की भावना बहुत गहरी- हर्षवर्धन श्रृंगला 

पीएम मोदी के दौरे को लेकर विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने एक बयान जारी कर कहा है कि भारत, इटली की तरह ही जी-20 के संस्थापक सदस्यों में से एक है. इटली और भारत दोनों ही सदियों पुराने इतिहास वाले बहुत प्राचीन राष्ट्र हैं, जो विशेष संबंधों से चिह्नित हैं. उन्होंने कहा कि भारत भी इटली की तरह मानता है कि साझा समस्याओं के लिए साझा समाधान की जरूरत होती है. इटली की अध्यक्षता में हो रहे इस बार के जी20 समिट का थीम है- लोग, पृथ्वी और समृद्धि.

विदेश सचिव ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा एक दशक में इटली की पहली यात्रा होगी. उन्होंने कहा, “जी-20 के भीतर भारत और इटली के बीच सहयोग की भावना की जड़ें बहुत गहरी हैं. भारत और इटली कानून के शासन और बहुपक्षवाद का दृढ़ता से समर्थन करते हैं. भारत इटली की अध्यक्षता में की गई कोशिशों का समर्थन करता है, जिसका उद्देश्य विकास और जलवायु संरक्षण के परस्पर जुड़े मुद्दों को हल करना है.”

भारत पृथ्वी को बचाने की लड़ाई में अगली पंक्ति में खड़ा- विदेश सचिव

श्रृंगला ने कहा, “जलवायु परिवर्तन हमारे समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के लोगों ने जलवायु के मुद्दे पर जो दृष्टिकोण अपनाया है, वह प्राचीन भारतीय दर्शन से प्रेरित है जो हमें पूरी सृष्टि के साथ सद्भाव का संबंध स्थापित करने का विचार देता है. भारत आज उन देशों में आगे की पंक्ति में खड़ा है, जो पृथ्वी को बचाने की लड़ाई में कार्रवाई करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा हमारे (इटली के साथ) द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को भविष्य में प्रोत्साहित करने का भी एक अवसर है. इससे पहले शनिवार को भारत और इटली के बीच हरित हाइड्रोजन के विकास, नवीकरणीय ऊर्जा गलियारे की स्थापना एवं प्राकृतिक गैस क्षेत्र में संयुक्त परियोजनाओं पर मिलकर काम करने की सहमति बनी है. दोनों देश ऊर्जा क्षेत्र में आ रहे बदलावों को लेकर अपनी भागीदारी को मजबूत करने पर सहमत हुए हैं.

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