कुंभ मेले के दौरान उत्तराखंड के पवित्र शहर हरिद्वार में एक नकली आरटी-पीसीआर नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट ((Fake RT-PCR Negative Test Report) रैकेट को हिला देने के लगभग पांच महीने बाद शुक्रवार को पुरी में पुलिस ने फर्जी आरटी-पीसीआर नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट तैयार करने और बेचने के आरोप में 12 लोगों के एक गिरोह को गिरफ्तार किया. कोविड -19 के कारण चार महीने से अधिक समय तक बंद रहने के बाद मंदिर 23 अगस्त को भक्तों के लिए फिर से खुल गया.
मंदिर के अधिकारियों ने अनिवार्य किया कि तीर्थयात्रियों के पास मंदिर की यात्रा से 96 घंटे पहले प्राप्त आरटी-पीसीआर नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट या मंदिर में प्रवेश करने के लिए वैक्सीन की दोनों डोज का प्रमाण पत्र होना चाहिए. पुरी के एसपी कंवर विशाल सिंह ने कहा कि 500 से 700 रुपए के बीच की नकली आरटी-पीसीआर रिपोर्ट बेचने में शामिल होने के आरोप में तीन अलग-अलग मामलों में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
मामले में एक आरोपी अभी भी फरार
एसपी ने कहा कि पिछले 12 दिनों में सिंघद्वार पुलिस स्टेशन में दो और कुंभरपाड़ा पुलिस स्टेशन में एक मामला दर्ज किया गया है. एसपी ने उनका नाम बताए बिना कहा कि दो मध्य प्रदेश के भक्त हैं, तीन छत्तीसगढ़ के हैं, छह पुरी से और एक अंगुल जिले से हैं. साथ ही कहा कि मामले में एक आरोपी फरार है. आरोपी व्यक्तियों को आईपीसी की धारा 465/471/120(बी)(34) के तहत गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस ने श्रद्धालुओं को फर्जी आरटी-पीसीआर सर्टिफिकेट जारी करने में इस्तेमाल होने वाले कंप्यूटर को जब्त कर लिया है. जगन्नाथ मंदिर के अलावा भुवनेश्वर में शिव मंदिर, लिंगराज मंदिर में भी भक्तों के लिए समान प्रतिबंध हैं. हालांकि राज्य के किसी अन्य प्रमुख मंदिर ने इस तरह की पाबंदी नहीं लगाई है. इस साल अप्रैल में कुंभ मेला हरिद्वार में भाग लेने वाले भक्तों की लगभग 1 लाख आरटी-पीसीआर रिपोर्ट त्योहार खत्म होने के बाद फर्जी पाई गई थी. आरटी-पीसीआर टेस्ट करने के लिए प्रशासन की तरफ से किराए पर ली गई कुछ कंपनियों ने कथित तौर पर बिना किसी टेस्ट के नकली नेगेटिव सर्टिफिकेट जारी किए थे.
मंदिर प्रशासन ने जारी किया है एसओपी
पिछले महीने जगन्नाथ मंदिर को फिर से खोलने के बाद मंदिर प्रशासन ने एक एसओपी जारी किया था, जिसमें भक्तों को परिसर के अंदर मूर्तियों या मूर्तियों को छूने या मंदिर के अंदर फूल, भोग, दीया जैसे प्रसाद लेने से रोक दिया गया था. साथ ही मंदिर परिसर के अंदर तंबाकू, पान चबाना और थूकना सख्त वर्जित है और प्रत्येक उल्लंघन के लिए 500 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा.