किसान संघों के प्रस्तावित भारत बंद से एक दिन पहले रविवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों को आंदोलन का रास्ता छोड़कर बातचीत का विकल्प चुनना चाहिए. ग्वालियर के कृषि महाविद्यालय में एक कार्यक्रम में बोलते हुए, तोमर ने कहा, ‘मैं किसानों से आंदोलन का रास्ता छोड़कर बातचीत के रास्ते पर चलने की अपील करना चाहता हूं. सरकार उनके द्वारा उठाई गई आपत्तियों पर विचार करने के लिए तैयार है. पहले भी कई बार चर्चा हुई है. इसके बाद भी अगर कुछ बचा है, तो सरकार निश्चित रूप से बात करने के लिए तैयार है.’
केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि किसानों का विरोध राजनीतिक मुद्दा नहीं बनना चाहिए. तोमर ने कहा, ‘किसान आंदोलन को राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. किसान सभी के हैं. सरकार ने किसान संघ के साथ बहुत संवेदनशील तरीके से बातचीत की है और भविष्य में भी ऐसा करने के लिए तैयार है.’
6 बजे से शाम 4 बजे तक देशव्यापी हड़ताल
इस बीच, किसान संघों के गठबंधन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने तीन कृषि कानूनों की पहली वर्षगांठ के अवसर पर आज भारत बंद का आह्वान किया है. एसकेएम ने कहा है कि आज सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक देशव्यापी हड़ताल होगा. एसकेएम ने कहा कि इस अवधि के दौरान, पूरे देश में सभी सरकारी और निजी कार्यालय, शैक्षणिक और अन्य संस्थान, दुकानें, उद्योग और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान के साथ-साथ सार्वजनिक कार्यक्रम व अन्य कार्यक्रम नहीं होंगे. हालांकि, बंद से छूट में अस्पताल, मेडिकल स्टोर, राहत और बचाव कार्य और व्यक्तिगत आपात स्थिति में शामिल लोगों सहित सभी आपातकालीन प्रतिष्ठान और आवश्यक सेवाएं शामिल हैं.
15 ट्रेड यूनियनों, राजनीतिक दलों, 6 राज्य सरकारों का समर्थन
भारत बंद को 500 से अधिक किसान संगठनों, 15 ट्रेड यूनियनों, राजनीतिक दलों, 6 राज्य सरकारों समेत कई अन्य वर्ग और संगठनों ने हड़ताल का समर्थन किया है. सपोर्ट करने वाली राज्य सरकारों में तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, केरल, पंजाब, झारखंड और आंध्र प्रदेश की सरकारें शामिल हैं. वहीं, समर्थन में आए राजनीतिक दलों की बात करें तो अब तक, वामपंथी दल जैसे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, तेलुगु देशम पार्टी, जनता दल (सेक्युलर), बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, शिअद-संयुक्त, युवाजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल, स्वराज इंडिया समेत कई अन्य दलों ने भारत बंद को पूर्ण समर्थन देने का ऐलान किया है. किसान पिछले साल 26 नवंबर से 3 कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस मुद्दे को सुलझाने के मकसद से किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हुई है लेकिन अभी भी गतिरोध बना हुआ है.