कल्याण सिंह को यादकर सीएम योगी ने किया भावुक ट्वीट, लिखा- रामभक्ति में तज दिया, अपने सिर का ताज….
उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम कल्याण सिंह (Kalyan Singh) आज पंचतत्व में विलीन हो गये. प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) कल्याण सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान पूरी व्यवस्था का संचान खुद ही कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने उनके पंचतत्व में विलीन होने का बाद पूर्व सीएम को ट्वीट करते हुए याद किया. उन्होंने कल्याण सिंह को रामभक्त बताते हुए लिखा कि, राम भक्ति में उन्होंने शासन-सत्ता का त्याग किया और राम की शरण में चले गये.
कल्याण सिंह को बताया परम रामभक्त
योगी आदित्यनाथ ने अपने ट्वीट मे लिखा कि, रामभक्ति में तज दिया, अपने सिर का ताज, राम शरण की ओर चले, परम रामभक्त आज. बता दें कि, कल्याण सिंह ने राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी. यही नहीं, इस आंदोलन के जरिये वे बीजेपी में कद्दावर नेता बन गये और हिंदुत्व के बड़े चेहरे बने. इसकी अलावा यूपी में पहली बीजेपी के पूर्ण बहुमत की सरकार कल्याण सिंह के नेतृत्व में बनी. वहीं, योगी आदित्यनाथ भी बीजेपी के ब्रांड हिंदुत्व के सबसे बड़े चेहरे हैं. अंतिम संस्कार के दौरान योगी जिस तरह से सभी कार्य जिस सक्रियता से कर रहे थे, वह उनके कल्याण सिंह के प्रति भाव को दर्शाता है.
रामभक्ति में तज दिया, अपने सिर का ताज।
राम शरण की ओर चले, परम रामभक्त आज।। https://t.co/p48DdqiYId— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 23, 2021
बड़े नेता शामिल हुए
अंतिम संस्कार के दौरान जय श्रीराम के जयघोष लग रहे हैं. इस दौरान प्रदेश व केंद्र सरकार के कई बड़े मंत्री भी मौजूद रहे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, यूपी के डिप्टी सीएम इस दौरान उपस्थित रहे.
शिवराज सिंह ने कल्याण सिंह की कविता पढ़ी
इससे पहले अलीगढ़ में अंतिम दर्शन को पहुंचे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी कविताओं को याद करते हुए कहा कि, वे किसान और गरीबों के बारे सोचते थे. इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने उनकी कविता पढ़ी. कल्याण सिंह की लिखित रचना का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इसके जरिये उन्होंने क्रांति का उद्घोष किया था. ‘फूटे घर-घरौंदे तेरे टूटी छान छपरिया रे, सूराखों से पानी टपके भीगे तेरी खटिया रे, अंधियारे में कटे जिंदगी बिना दिया, बिन डिबिया रे, तेरी घरवाली के तन पर फटी-फटाई अंगिया रे, इस सड़ांध में आग लगा दे क्रांति भरे अंगारों से’.