अमेठी में सड़क पर उतरी सड़क की सियासत
गौरीगंज से सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह लखनऊ में आमरण अन्शन तोडऩे के बाद सैकड़ो लोगों के साथ सडक पर कर रहे थे श्रमदान,पुलिस ने पहले हिरासत में लिया फिर रात में छोड़ दिया
अमेठी। मुसाफिर खाना (अमेठी) आगामी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर अमेठी में सड़कों को लेकर सियासी संग्राम थमने का नाम नही ले रहा है।अमेठी मे दो सडके मुसाफिर खाना थौरी मार्ग व मुसाफिर खाना पारा मार्ग को लेकर सपा विधायक ने अमरण अनशन से लेकर स्तीफा तक दे डाला था। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की निर्देश के बाद धरना प्रदर्शन खत्म कर सपा विधायक ने श्रमदान कर सड़क मरम्मत का कार्य आज शुरू कर दिया। सैकड़ों मजदूर और जेसीबी ट्रैक्टर रोलर से सड़क मरम्मत का कार्य किया जा रहा है।वहीं पुलिस प्रशासन ने पहुंचकर विधायक को लिया हिरासत में।
गौरीगंज से सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने कदूनाला से थौरी और पारा से मुसाफ़िर खाना संपर्क मार्ग के लिए शासन प्रशासन को ज्ञापन धरना त्याग पत्र के बाद आज श्रम दान कर सड़क निर्माण कार्य शुरू करवा दिया। उन्होंने ने मीडिया से बात करते हुए सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि लगातार तीन वर्षों से सरकार से मांग करते करते थक गया हूँ।अनशन किया, आमरण अनशन किया त्याग पत्र दिया बावजूद इसके सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंगी। जब मैं अनशन तोड़ने के बाद लाइव आया तो हमारे विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने कहा की आप आकर खड़े हो जाइए हम लोग चंदा लगाकर श्रमदान कर सड़क मरम्मत कार्य करेंगे। क्षेत्रवासियों की मांग और संकल्प पर उनके सहयोग से आज सड़क पर कार्य चल रहा है।
उन्होंने सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ से सड़क निर्माण में हुई धांधली की जांच कराएं जाने और सड़क निर्माण कराए जाने की बात एक बार फिर से दोहराई । इस सड़क पर प्रतिदिन हजारों लोगों का आवागमन होता है। महिलाएं छात्र-छात्राएं क्षेत्र के बुजुर्ग गिरकर चोटिल होते हैं। अभी तक बहुत से लोग गिरकर चोटिल हो गए हैं और बहुत से लोग सड़क दुर्घटना में अपनी जान भी खो चुके हैं। लिहाजा सड़क निर्माण कार्य आम जनमानस के हित में ध्यान में रखते हुए तत्काल होना चाहिए।विधायक ने स्वयं फावड़ा लेकर मजदूरो के साथ काम किये।निर्माण स्थल पर भारी मात्रा में पुलिस फोर्स मौजूद रही और वही कादू नाला से लेकर थौरी तक पुलिस पेट्रोलिंग करती रही।आखिरकार पुलिस विधायक को हिरासत में लेकर अपने साथ चली गई और वही श्रमदान करने वालो को पुलिस प्रशासन ने हटाया। बाद में बढ़ते जनाक्रोश के चलते विधायक को पुलिस को छोड़ना पड़ा।