‘स्कूल ऑफ राम’ में अक्टूबर से शुरू होगी पढ़ाई, ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स में कोई भी ले सकता है एडमिशन
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में खुले दुनिया के पहले ‘स्कूल ऑफ राम’ में अब जल्द ही पढ़ाई शुरू होने जा रही है. यहां ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स की शुरुआत अक्टूबर से होगी. भगवान राम के जीवन सार के साथ उनसे जुड़ी कई जानकारियों और तुलसीदास के जीवन दर्शन के लिए बनाए गए इस सर्टिफिकेट कोर्स का नाम ‘रामचरित मानस: ओसियन ऑफ साइंस’ रखा गया है.
इस कोर्स के जरिए रामचरित मानस की घटनाओं में विज्ञान की मौजूदगी और नीति शास्त्र के अलावा निर्जीव विज्ञान, सजीव विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के बारे में भी छात्रों को जानकारी दी जाएगी. दरअसल बीते मार्च महीने में अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के कुलपति प्रो. रजनीश शुक्ला ने वाराणसी में ‘स्कूल ऑफ राम’ की स्थापना की थी.
भगवान श्रीराम के जीवन सार की पढ़ाई के लिए शुरू किए गए खास स्कूल में अब 1 अक्टूबर से कोर्स की औपचारिक शुरूआत होगी. बताया गया कि इस कोर्स में कोई भी ऐडमिशन ले सकता है. साथ इसकी पढ़ाई हफ्ते में दो दिन ऑनलाइन होगी. जिसका समय रात 9 से 10.15 तक रखा गया है. बीएचू वैदिक विज्ञान केंद्र के शोधार्थी रहे प्रिंस के मुताबिक, यूजीसी या संस्कृति मंत्रालय से सर्टिफिकेट कोर्स को शुरू करने के लिए अभी तक मान्यता नहीं मिली है. हालांकि इसके लिए कोशिश की जा रही है.
भगवान राम से जुड़ी इन बातों पर दी जाएगी जानकारी
रामचरित मानस: ओसियन ऑफ साइंस नामक कोर्स में मार्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन सार के साथ रामचरित मानस में धनुष आणविक तकनीक, मानस के आधुनिक संदर्भ के साथ ही मनोविज्ञान, भाषा विज्ञान, योग विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, खगोलीय शास्त्र आदि पर धारणाओं को स्पष्ट किया जाएगा. इस कोर्स के शुरू होने के बाद माना जा रहा है कि देश ही नहीं विदेशों के लोगों की रूची भगवान राम और रामचरित मानस को लेकर और ज्यादा बढ़ेगी.