उत्तर प्रदेशलखनऊ

बलिया के जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का राज्यपाल ने किया ऑनलाइन शिलान्यास

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि तकनीकी और रोजगार परक शिक्षा आज के समय की मांग है। केंद्र एवं प्रदेश सरकार इस दिशा में निरंतर प्रयत्नशील है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव एवं नवाचार के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। नई शिक्षा नीति-2020 इसकी ओर बढ़ाया गया एक अति महत्वपूर्ण कदम है।
राज्यपाल आनंदीबेन ने बुधवार को जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया के प्रशासनिक भवन का ऑनलाइन शिलान्यास किया। प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया में प्रशासनिक भवन के निर्माण के लिए ऑनलाइन दीप प्रज्ज्वलन एवं शिलापट् अनावरण कर शिलान्यास किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि, चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया और इसके निकटतम जनपद के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने का निकटस्थ स्थान है और ऐसे छात्र जो कम संसाधनों में उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर हैं, उनके लिए अपने जनपद में ही शिक्षा मिलना एक सुखद अहसास है।
कार्यदायी संस्था से प्रशासनिक भवन के हस्तांतरित कराने के निर्देश
उन्होंने कहा कि, प्रदेश सरकार विश्वविद्यालय की आधारभूत संरचनाओं के विस्तार में निरंतर सहयोगी है। प्रशासनिक भवन के निर्माण के लिए धनराशि आंवटित की जा चुकी है। इस नवनिर्माण से कार्य सम्पादन में सुविधा होगी। इसी क्रम में राज्यपाल ने निर्देश दिया कि कार्यदायी संस्था से निर्मित प्रशासनिक भवन के हस्तांतरित करने की तिथि का निर्धारण करा लिया जाए।
राज्‍यपाल ने कहा, विश्वविद्यालय स्तर पर एक ऐसी समिति का गठन कर लिया जाये जो समय-समय पर निर्माण कार्य का अवलोकन करके गुणवत्तापूर्ण भवन निर्माण कराना सुनिश्चित करे। उन्होंने ये भी निर्देश दिया कि भवन निर्माण सम्बन्धित सभी आवश्यक प्रपत्र-भवन का नक्शा, व्यय विवरण आदि सूचनाएं विश्वविद्यालय के कुलपति अथवा उपकुलपति आवश्यक रूप से अपने पास रखें जिसे मांगे जाने पर प्रस्तुत भी कर सकें।
भवन परिसर में वृक्षारोपण के निर्देश  
राज्यपाल ने प्रशासनिक भवन के निर्माण के लिए उपलब्ध करायी गई भूमि की चाहरदिवारी निर्मित कराने का निर्देश दिया, जिससे वह स्थल निर्विवाद रह सके। उन्होंने कहा कि भवन के परिसर में अभी से वृक्षारोपण कर दिया जाये जिससे भवन निर्माण पूर्ण होने तक पेड़ बड़े हो जायें और विद्यार्थियों को उनकी छाया में अध्ययन का लाभ मिल सके।
विश्वविद्यालय में चलने वाले डिप्लोमा कोर्सेज पर विचार व्यक्त करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि, विद्यार्थियों को एक साल तक के डिप्लोमा पाठ्यक्रम का प्रमाण-पत्र अवश्य दिया जाये, जिससे वह अपने रोजगार हेतु उसका उपयोग कर सकें। उन्होंने विद्यार्थियों के लिए रोजगार परक शिक्षण में वृद्धि करने, एप बनाने, डिजाइनिंग प्रशिक्षण पर जोर दिया।
सरकार कर रही शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने का प्रयास: उपमुख्‍यमंत्री
वहीं, समारोह में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि, राज्‍यपाल के नेतृत्व के बड़े अनुभव का लाभ आज प्रदेश को प्राप्त हो रहा है। शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने और रोजगार परक बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार के प्रयासों को उनके अनुभव से संपन्‍न किया जा सकेगा। प्रदेश की शैक्षिक गतिविधियों में वृहद स्तर पर परिवर्तन करते हुए शिक्षा को रोजगार परक शिक्षा से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि, विश्वविद्यालय अपने यहां नये पाठ्यक्रमों को प्रारम्भ करने के लिए अनुमोदन लें और राज्यपाल को पाठ्यक्रमों की सूचना आवश्यक रूप से दें।
डिप्‍टी सीएम शर्मा ने कहा कि, नए पाठ्यक्रमों से विश्वविद्यालय में साधन-संसाधनों की वृद्धि के साथ-साथ आय में वृद्धि होती है। उन्होंने निर्देश दिया कि, प्रदेश में उच्च शिक्षा में जो भी परिवर्तन हो उन्हें राज्यपाल के समक्ष अवश्य प्रदर्शित किया जाये। प्रशासनिक भवन के निर्माण सम्बंधी निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इस भवन का निर्माण उच्च गुणवत्ता पूर्ण होने के साथ लम्बी अवधि तक उपयोगी रहने योग्य बनाया जाए।

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