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कन्नड़ फिल्म उद्योग ने सुपरस्टार पुनीत राजकुमार को दी अंतिम विदाई

कन्नड़ अभिनेता पुनीत राजकुमार का अंतिम संस्कार कांतीरवा स्टूडियो में उनके परिवार के सदस्यों, दोस्तों और बेंगलुरु में सभी राजनीतिक दलों के सत्तारूढ़ और विपक्षी नेताओं की उपस्थिति में किया गया। अंतिम संस्कार हिंदू धर्म के एडिगा समुदाय की परंपराओं के अनुसार किया गया। उनके पार्थिव शरीर को कांतीरवा स्टेडियम से सुबह करीब 5 बजे कांतीरवा स्टूडियो ले जाया गया। रास्ते में सड़कों के किनारे जमा हुए प्रशंसकों ने उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई दी। युवा सुपरस्टार को 10 लाख लोगों ने अंतिम श्रद्धांजलि दी। कन्नड़ सिनेमा के सुपरस्टार, कन्नड़ फिल्म के दिग्गज डॉक्टर राजकुमार के बेटे पुनीत राजकुमार का शुक्रवार (29 अक्टूबर) को कार्डियक अरेस्ट के कारण निधन हो गया था।

अंतिम संस्कार से पहले कर्नाटक सरकार ने उन्हें प्रोटोकॉल के अनुसार राजकीय सम्मान दिया। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने तिरंगा झंडा को उनकी पत्नी अश्विनी और दो बेटियों को सौंपा। विपक्षी नेता डी.के. शिवकुमार, सिद्धारमैया और सभी कैबिनेट मंत्री, कन्नड़ फिल्म उद्योग के सभी बड़े लोग रविवार की सुबह आयोजित समारोह में शामिल हुए। परिवार के सदस्यों ने पुनीत के पार्थिव शरीर की पूजा की, जिसे अंतिम संस्कार से पहले सजी हुई पालकी में रखा गया। अंतिम दर्शन की सुविधा के लिए प्रशंसकों के लिए रात भर सार्वजनिक ‘दर्शन’ की अनुमति दी गई क्योंकि शुक्रवार देर रात से ही भारी भीड़ उमड़ रही थी।

तेलुगु फिल्म उद्योग के बड़े लोग, चिरंजीवी, नंदमुरी बालकृष्ण, जूनियर एनटीआर, वेंकटेश, श्रीकांत पुनीत राजकुमार को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए बेंगलुरु आए। तमिल फिल्म उद्योग के प्रभुदेवा और शरथ कुमार अंतिम दर्शन करने पहुंचे। पुनीत के असामयिक निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में पुनीत के परिवार की तस्वीर लगाई थी। कन्नड़ फिल्म अभिनेता पुनीत राजकुमार के पार्थिव शरीर को उनके पिता, कन्नड़ सिनेमा के महान अभिनेता डॉ राजकुमार की कब्र के पास रखा गया था। पुनीत राजकुमार की मां पर्वतम्मा को भी उसी परिसर में दफनाया गया है। यह फैसला उनके परिवार की इच्छा के अनुसार लिया गया है।

पुनीत ने अपनी आंखें दान की थीं। डॉ भुजंगा शेट्टी, निदेशक नारायण नेत्रालय, ने परिवार की प्रतिबद्धता को याद किया क्योंकि उन्हें तुरंत पुनीत के बड़े भाई राघवेंद्र राजकुमार का फोन आया था ताकि नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी की जा सके। पुनीत राजकुमार ने कोविड संकट के दौरान कर्नाटक सरकार को 50 लाख रुपये का दान दिया था। पुनीत 16 वृद्धाश्रमों और 19 गोशालाओं का संचालन करते थे। ‘शक्तिधाम’ संगठन के माध्यम से उन्होंने हजारों छात्राओं का भविष्य सवारा है। लेकिन, पुनीत ने कभी भी अपनी परोपकारी गतिविधियों के बारे में बात नहीं की। पुनीत उन लोगों में से एक थे जिन्हें कोविड संक्रमण हुआ था, जब लोगों में टीकाकरण को लेकर अभी भी हिचकिचाहट थी।

एक बच्चे के रूप में फिल्म उद्योग में प्रवेश करने के बाद पुनीत ने बाल कलाकार के रूप में 13 फिल्मों में काम किया है। एक बाल कलाकार के रूप में उन्होंने 1985 में ‘बेट्टाडा हूवु’ फिल्म में अपने अभिनय के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था। उन्होंने ‘चालीसुवा मोदागालु’ और ‘एराडु कानासु’ फिल्मों में अपने अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का पुरस्कार जीता था। उन्होंने 2002 में ‘अप्पू’ फिल्म के साथ एक पूर्ण नायक के रूप में अपनी शुरूआत की थी। तब से, उन्होंने 29 फिल्मों में अभिनय किया था। उनकी नवीनतम रिलीज ‘युवरत्न’ थी जो इस साल की शुरूआत में अप्रैल में सिनेमाघरों में आई थी। उनकी आखिरी फिल्म ‘जेम्स’ है। फिल्म निमार्ता अमोघवर्ष द्वारा ‘वाइल्ड कर्नाटक’ फेम अंडरवाटर शूट की गई उनकी डॉक्यूमेंट्री 1 नवंबर को रिलीज होने के लिए पूरी तरह तैयार थी।

उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए दो राज्य पुरस्कार और पांच फिल्म फेयर पुरस्कार जीते है। उन्होंने 2019 में पुनीत राजकुमार फिल्म्स का प्रोडक्शन हाउस शुरू किया था और दानिश सैत और अन्य की फिल्मों का निर्माण किया था। वह ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के कन्नड़ संस्करण के लिए एक सफल टेलीविजन होस्ट थे। पुनीत को प्रशंसकों द्वारा पावर स्टार के रूप में नामित किया गया था। पुनीत ने पूरे एक महीने अपने परिवार के साथ बिताने का फैसला किया था। वह अपने परिवार के साथ खास मौकों पर गाना गाते और नाचते थे।

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