उत्तर प्रदेशलखनऊ

महापौर संयुक्ता भाटिया ने ‘द ग्रैंड डॉक्टर पुस्तक’ का किया विमोचन

लखनऊ। महापौर संयुक्ता भाटिया ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के वंशज शाहीन चिश्ती द्वारा महिला सशक्तिकरण पर लिखी किताब “द ग्रैंड डॉक्टर” का विमोचन होटल रेनेसा में किया। इस मौके पर महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा इस पुस्तक के जरिए महिलाओं के मुद्दे पर प्रखर होकर बात की गई है। महापौर ने आगे कहा “द ग्रैंड डॉटर” के नाम से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि किताब के माध्यम से बच्चों का स्नेह नाना-नानी और दादा-दादी से दिखाया गया है। महिलाओं पर काम करना अच्छी सोच है। महापौर ने आगे कहा कि महिलाओं ने हर जगह अपना परचम लहराया। आज महिलाओं की बात करें तो उनको अवसर कम मिले है। लेकिन जब अवसर मिला तो उन्होंने अपनी यह साबित भी किया है वह किसी से कम नही बल्कि बढ़कर है, चाहे वह ओलिम्पिक में मैडल की बात हो, एवरेस्ट की चोटी हो या तीन तलाक एवं अन्य महिला सामाजिक मुद्दों पर लड़ाई का, आज की महिलाओं में हर शिखर पर अपना परचम लहराया है।
महापौर संयुक्ता भाटिया ने आगे कहा कि हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी और मुख्यमंत्री आदरणीय योगी जी ने महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए कोई कोर कसर नही छोड़ी है, आज राशन कार्ड में घर के मुखिया के रूप में महिला का नाम दर्ज है, यह माननीय प्रधानमंत्री जी की महिलाओं को आगे बढ़ाने की दूर दृष्टि एवं सोच का परिणाम है। माननीय योगी जी द्वारा मिशन शक्ति अभियान से प्रदेश की महिलाओं में आत्मसम्बल प्रताप हुआ है, आज प्रदेश की महिला शक्ति किसी मोर्चे पर पुरुषों से पीछे नही है। हमारी सरकार ने महिलाओं से सम्बन्धित योजनाओं को उनतक पहुँचा कर उन्हें सशक्त बनाया है, इन योजनाओं से आगे बढ़ने का अवसर है।
महापौर ने आगे कहा कि हम देश की आधी आबादी है। जब भी एक महिला को नेतृत्व का अवसर प्राप्त होता है तो वह समूची महिला कौम की चिंता करती है। नगर निगम के 100 वर्षो के इतिहास में मैं देश के सबसे बड़े प्रदेश की राजधानी की पहली महिला महापौर हूँ, हमारे यहाँ कई महिला पार्षद चुन कर आई थी, परन्तु ज्यादातर पर उनके पतियों का ही अधिपत्य था, उन महिला पार्षदों के लिए मेरा पहला काम था उनके अंदर की नेतृत्व क्षमता को बाहर लाना, इसलिए मैंने नगर निगम के सदन में उन महिला पार्षदों के प्रतिनिधियों की एंट्री पर रोक लगा दी और सभी महिला पार्षदों को स्वयं अपना विषय सदन में बोलने और रखने को कहा। उसके पश्चात चुनी हुई विधायिका के इतिहास में मैंने विगत महिला दिवस को इतिहासिक महिला सदन बुलाया, जिसमे सिर्फ समस्त महिला पार्षदों को ही महिलाओं के मुद्दों और योजनाओं पर चर्चा कर उसको लागू कराना था, यह सदन काफी सफल रहा और कई महिला पार्षदों ने पहली बार बखूबी ढंग से अपनी आवाज को बुलंद किया।
इसी सदन में महिला जनप्रतिनिधियों ने लखनऊ में महिला बाजार बनाने का प्रास्ताव पारित किया, जिसमे महिलाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से उक्त महिला बाजार में महिला ही दुकानदार होगी और सामान बेच सकेगी। जल्द ही इस बाजार को तैयार किया जाएगा। साथ ही मेरे द्वारा बडे पार्कों में महिलाओं के लिए महिला यूरिनल बनाये जाने के निर्देश दिए है। समस्त 110 वार्डो में एवं प्रमुख बाजारों और चौराहों पर अलग से महिलाओ के लिए पिंक टॉयलेट भी बनवाये जाएंगे जिसके लिए कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।
पुस्तक की लेखक शाहीन चिश्ती ने कहा यूपी में गंगा रहती। हम गंगा को गंगा मैया कहते है। वो सबका ख्याल रखतीं है। परिवार मां बाप से बनता है। दोंनो का ख्याल रखा जाता है। लड़कियों को हर क्षेत्र में आना है। और काम करना है। भारत को सजाना है। औरतों के बिना हम विकसित नहीं हो सकते। औरतें काम करेंगी तो टैक्स बढ़ेगा। जिससे सुविधाओं का विस्तार होगा। multinationl कम्पनी में औरतों के कई साधन बनते। महिलाएं तानाशाह नहीं होतीं। महिलाएं को आगे ले आएं। उनका हाथ पकड़कर उनको आगे बढ़ाएं। उनको सुरक्षा दें। हमें बदलाव करना होगा। 10 सालों में 35 फीसदी महिलाओं को हर क्षेत्र में जगह अलग स्वागत दें।
महापौर संयुक्ता भाटिया ने आगे कहा कि मुझे बताया गया कि शाहीनभाई जो की लंदन में रहते हैं और वहाँ के प्रतिष्ठित व्यापारी है, हमारे बीच इस इरादे से आए हैं की उन्हें अपनी मातृभूमि भारत में महिलाओं के विकास के लिए बहुत बड़े पैमाने पर काम करना हैं। इस लिए मैं उनका अभिनन्दन करती हूँ। यह बड़ी ही सराहनीय बात हैं कि शाहीन जी को अपनी जन्मभूमी की माताओ और बहनों के लिए काम करना चाहते है। महिला सशक्तिकरण पर जो भी कार्य करना चाहेगा और यदि उसमे मेरी कोई आवश्यकता है तो मेरे घर के दरवाजे 24 घंटे खुले है। महिला सशक्तिकरण के कार्य मे जो भी सहायता की आवश्यकता होगी मैं उसे पूरा करूंगी। इस मौके पर महापौर संयुक्ता भाटिया संग पुस्तक के लेखक ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के वंशज शाहीन चिश्ती जी, वरिष्ठ समाजसेवी शाइस्ता अम्बर जी, अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य रूमाना सिद्दीकी जी, समाजसेवी उरूज राणा जी, समाजसेवी सुमन रावत, नीतू शर्मा सहित अन्य जन उपस्थित रहे।

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