उत्तर प्रदेश

2500 ग्राम पंचायतों में प्रत्येक शुक्रवार को लगेगी जनता चौपाल

जनता चौपाल का शीर्षक रहेगा "गांव की समस्या- गांव में समाधान"

लखनऊ: उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रदेश की ग्राम पंचायतों में हो रही ग्राम चौपालों को और अधिक प्रभावी ,क्रियाशील व परिणामपरक बनाने के लिए ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को व्यापक दिशा निर्देश दिए हैं। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रत्येक शुक्रवार को प्रत्येक विकासखंड की 3 ग्राम पंचायतों में जनता चौपाल आयोजित करने की शुरुआत की गई है। इस तरह से प्रत्येक शुक्रवार को प्रदेश में 25 सौ ग्राम पंचायतों में जनता चौपाल लगेगी। इस जनता चौपाल का नाम “गांव की समस्या -गांव में समाधान “रखा गया है ।श्री केशव प्रसाद मौर्य आज ग्राम चौपालों को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से अपने कैंप कार्यालय सात- कालिदास मार्ग पर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में आयोजित होने वाली चौपालों को और अधिक प्रभावी बनाए जाने के हर संभव प्रयास किए जाएं तथा जनता को लाभान्वित कराया जाए ।उन्होंने कहा गांव स्तर के सभी कर्मचारी इन चौपालों में भाग लेंगे ,इसके अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधि ,सांसद, विधायक,ब्लाक प्रमुख ,के अलावा पूर्व जनप्रतिनिधि भी इन चौपालों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाए। उन्होंने कहा ग्राम चौपालों में जनप्रतिनिधियों के अलावा ग्राम विकास विभाग के उच्चाधिकारी भी प्रतिभाग करेंगे। उपमुख्यमंत्री स्वयं भी चौपालों में जाएंगे । उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि गांव स्तर पर अच्छा कार्य करने वाले जनप्रतिनिधियों व कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाए तथा उनकी हौसला अफजाई की जाए। उन्होंने कहा एक निर्धारित प्रोफार्मा पर गांव के अन्य विवरण के अलावा वहां पर चलाई जा रही योजनाओं की जमीनी हकीकत का विवरण दर्ज किया जाएगा और योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर देखा भी जाएगा ।उन्होंने कहा कि केवल ग्राम्य विकास विभाग ही नहीं, गांव स्तर पर चलाई जा रही सभी विभागों की योजनाओं के बारे में उस प्रोफार्मा के ऊपर विवरण दर्ज किया जाए उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर ग्राम चौपालों को हर हाल में क्रांतिकारी अभियान के रूप में सफल बनाना है ।उन्होंने निर्देश दिए कि चौपाल से पूर्व गांव में अधिकारी , कर्मचारी मिलकर सभी विकास कार्यों का निरीक्षण करेंगे और निर्धारित प्रोफार्मा पर उसका विवरण भी दर्ज करेंगे, उदाहरण के तौर पर पीएम व सीएम आवास योजना के लाभार्थियों को सभी अनुमन्य सुविधाएं मिली है कि नहीं ,सोलर लाइट लगी है कि नहीं ,पंचायत भवन का उपयोग हो रहा है कि नहीं, रोजगार सेवक, स्वयं सहायता समूहों की भूमिका, विद्युत सखी, बी सी सखी आदि के कार्य ,समूहों को कार्यों को ओडीओपी से कैसे जोड़ा जाए, लखपति योजना की स्थिति, मनरेगा के कार्यों का बीसी सखी के माध्यम से भुगतान, गांव के बाहर जो लोग रहते हैं उनका डिटेल, आदि सब प्रोफार्मा पर दर्ज होगा। कहा कि सामाजिक, स्वयंसेवी संस्थाओं सबको जोड़ कर गांव में विकास कार्यों के क्रियान्वयन का एक माहौल बनाना है। कहा कि गौ आश्रय स्थलों को देखा जाए। खाद, बीज, बिजली,पानी किसानों की समस्या को समझा जाए व निदान किया जाए खेलों में रुचि रखने वाले बच्चों का उत्साहवर्धन किया जाए। सामुदायिक शौचालयों को उपयोगी बनाया जाए । जो समस्याएं गांव में हल नहीं हो सकती, उन्हें ऊपर संदर्भित किया जाए।उन्होंने कहा इस तरह से हमको हर गांव का को आदर्श गांव बनाना है ।उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रत्येक चौपाल की शाम को सूचना मुख्यालय पर भेजी जाए। चौपालों की छोटी-छोटी वीडियो क्लिप भी बनाई जाए ।उन्होंने कहा कि गांव में विकास के लिए ऐसा माहौल बनाना है कि विकास के यज्ञ में हर व्यक्ति अपनी आहुति डालें।

बैठक में प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास विभाग हिमांशु कुमार , ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी ,मिशन निदेशक ,राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन सी इंदुमती , उपायुक्त अखिलेश सिंह ,ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के मुख्य अभियंता वीरपाल राजपूत अधिशासी अभियंता ईशम सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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