लखनऊ: डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि वर्तमान सरकार ने सवा चार वर्षों के दौरान निष्पक्ष, पारदर्शी चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है। प्रदेश में चयन की प्रक्रिया पर कोई उंगली नहीं उठा सकता है। विगत सवा चार वर्षों के दौरान साढ़े चार लाख सरकारी नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं। करीब तीन लाख युवाओं को संविदा पर नियुक्ति दी गई है। इसके अलावा एमएसएमई क्षेत्र में करोडों लोगों को ओडीओपी योजना में 25 लाख लोगों को रोजगार दिया गया है। बडे उद्योगों में 3 लाख व स्टार्टअप में 5 लाख युवाओं को रोजगार मिला है। कोरोना के चलते अपने प्रदेश में वापस आने वाले 40 लाख श्रमिकों व कामगारों को रोजगार प्रदान किया गया है।
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने आगे कहा शिक्षा के क्षेत्र में भी क्रान्तिकारी बदलाव आए है। नकल विहीन परीक्षा और पाठयक्रम में बदलाव ने शिक्षा को नई दिशा दी है। डिजिटल लाइबेरी ने ज्ञान का नया सागर दे दिया है। प्रदेश में शोध को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में यूपी की सभी पहल अनुकरणीय हो चली हैं।
डबल इंजन की सरकार में बुनियादी सुविधाओं के विकास से सूबे के विकास को नई रफ्तार मिली है। पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट तथा एक्सप्रेस-वे आदि विकास की नई गाथा लिख रहे हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का निर्माण अपने अन्तिम चरण में हैं। आगरा एवं कानपुर में मेट्रो का संचालन जल्द ही आरंभ होने जा रहा है।
बुनियादी विकास और बेहतर कानून व्यवस्था के चलते यूपी निवेशकों की पहली पसंद बन रहा है। इंवेस्टर समिट में हस्ताक्षरित 4.68 करोड के एमओयू में से 3 लाख करोड की परियोजनाएं आरंभ हो चुकी है। कोरोना जैसे समय में भी प्रदेश में 56 हजार करोड के निवेश प्रस्ताव मिले है। सरकार के प्रयासों से आज यूपी देश में चल रही 44 योजनाओं में पहले स्थान पर है।
उत्तर प्रदेश ने प्रत्येक क्षेत्र में विकास किया है। चाहे औद्योगिक निवेश हो या योजनाओं का सफल क्रियान्वयन, कानून-व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण हो या गरीब किसान की ऋण माफी, हर घर में शौचालय बनाना तथा घर विहीन को घर देने का कार्य उत्तर प्रदेश में किया गया है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बेहतरीन कार्य हो रहे हैं।
जिसका परिणाम है कि 04 वर्ष में ही 11 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था 22 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बन गयी है, जो देश में दूसरे नम्बर की अर्थव्यवस्था है। डा शर्मा ने कहा कि आज का यूपी हर क्षेत्र में विशिष्ट स्थान बना रहा है। सूबे में प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हो गई है।
सरकार की प्रभावी रणनीति और निरन्तर प्रयासों से प्रदेश में कोविड संक्रमण नियंत्रित स्थिति में है। सरकार ने जान भी और जहान भी के मंत्र के साथ कोविड को नियंत्रित किया है। वैक्सीन कोरोना के खिलाफ हथियार है और प्रदेश में अब तक पहली डोज 4,35,76,972 लोगों को तथा दूसरी डोज 80,71,927 तथा कुल 51648899 वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। सरकार अपने नागरिकों को सुरक्षित करने के लिए तेजी से वैक्सीनेशन का कार्य करा रही है। 3 अगस्त को प्रदेश में 28 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई गई है।
उत्तर प्रदेश आज देश में सबसे अधिक टीकाकरण करने वाला राज्य बन गया है। अभी भी ढाई लाख के करीब कोरोना टेस्ट रोज किए जा रहे हैं। प्रदेश में अब तक 552 आक्सीजन प्लांट स्वीकृत किए गए हैं जिनमें से 275 क्रियाशील हो चुके हैं। महिलाओं व बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए पीकू नीकू वार्ड तैयार किए जा रहे हैं। प्रदेश के लोगों के लिए सरकार ने पोस्ट कोविड केयर की भी व्यवस्था की है।
कोरोना से निराश्रित हुए बच्चों की जिम्मेदारी भी सरकार उठा रही है। ऐसे बच्चों के लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना चलाई जा रही है जिसके तहत 4000 रुपए प्रतिमाह भरण पोषण भत्ते के साथ अन्य सुविधाए भी दी जा रही हैं।
कोरोना असर से प्रभावित श्रमिकों की मदद के लिए हाथ आगे बढाया है। करीब 23 लाख श्रमिकों को 230 करोड रुपए की धनराशि दी गई है। आमजन की हितैषी सरकार के कार्यकाल में अपराधियों की नकेल कसी गई है। अपराध के प्रति जीरो टालरेन्स की नीति का कडाई से अनुपालन कराया गया है।
माफिया और अपराधी प्रदेश छोडकर भागने को मजबूर हुए हैं। अगर पिछली सरकार के वर्ष 2016 के समय के आंकडों से वर्तमान सरकार के आकडों की तुलना की जाए तो डकैती में 68 प्रतिशत लूट में 66 प्रतिशत अपहरण में 51 प्रतिशत की कमी आई है। यह कमी अपराधियों को सरक्षण देने वाली सरकारों के दलों को रास नहीं आ रही है। माफियाओं द्वारा अवैध तरह से अर्जित 1574 करोड की सम्पत्ति जब्त की जा चुकी है। 44084 अभियुक्तों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। अपराध और अपराधी के प्रति सरकार का रूख सख्त है।