आज भारतीय सिनेमा के दिग्गज कलाकार और फिल्मकार राज कपूर की 97वीं जयंती है. राज कपूर की जयंती के खास मौके पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने आज यानी मंगलवार को दिग्गज फिल्मकार पर एक किताब लॉन्च की, जिसका नाम है- ‘Raj Kapoor : The Master At Work’. वेंकैया नायडू ने भारतीय सिनेमा को दिए अमूल्य योगदान के लिए दिग्गज कलाकार को याद किया. वेंकैया नायूड द्वारा बुक लॉन्च किए जाने के दौरान इस इवेंट मं राज कपूर के बड़े बेटे रणधीर कपूर और पोते रणबीर कपूर भी मौजूद थे.
आपको बता दें कि राज कपूर पर लिखी गई इस किताब को ब्लूम्सबरी ने पब्लिश किया है और इसे लिखा है राहुल रवैल और प्रणिका शर्मा ने. राहुल, राज कपूर के साथ असिस्टेट डायरेक्टर के तौर पर काम कर चुके हैं. उन्होंने बॉबी जैसी फिल्मों में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया है. इस किताब का लॉन्चिंग इवेंट दिल्ली के इंडियन हेबिटेट सेंटर में आयोजित किया गया था.
राज कपूर ने दी भारतीय सिनेमा को नई पहचान
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने इस किताब को लॉन्च करते हुए इसे प्रेम और समर्पण का श्रम बताया. उन्होंने कहा कि राज कपूर जी ने 50 और 60 के दशक में भारतीय सिनेमा को एक नई पहचान और दिशा दी. एक संवेदनशील निर्माता और एक प्रख्यात अभिनेता के रूप में हिंदी सिनेमा में उनका योगदान अमूल्य है. उनकी फिल्में समाज में मौजूद सच्चे चरित्रों पर आधारित थीं. उनकी फिल्में जीवन के लिए सबक थीं. उपराष्ट्रपति ने राज कपूर की तारीफ करते हुए आगे कहा कि उनकी शुरुआती फिल्में चार्ली चैपलिन और द ट्रैम्प के उनके चरित्र के प्रभाव को दर्शाती हैं.
राज कपूर की बरसात, आवारा और श्री 420 जैसी फिल्मों का उदाहरण देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनकी ये फिल्में केवल बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर ही नहीं थीं, बल्कि ये टाइमलेस मेलोडीज रहीं, जो आज भी लोकप्रिय हैं. एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर के तौर पर राज कुमार की फिल्मी यात्रा पर बात करते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि राज कपूर में उल्लेखनीय छिपी हुई प्रतिभा को उजागर करने की क्षमता थी, चाहे वह संगीतकार जोड़ी शंकर-जयकिशन हों, गीतकार शैलेंद्र और हसरत जयपुरी हों या गायक मुकेश, जो पर्दे पर गीतों में उनकी आवाज बन गए. उन्होंने कहा कि इन फिल्मों के जरिए राज कपूर ने सामाजिक बदलाव पर प्रकाश डाला था.
राज कपूर की बायोपिक बनाना चाहते हैं रणबीर कपूर
अपने दादा राज कपूर की किताब को लॉन्च करने के लिए वहां मौजूद रणबीर कपूर ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का शुक्रिया किया. उन्होंने कहा कि मैंने ये किताब पांच घंटे में खत्म कर दी थी. रवैल की इस किताब के जरिए मुझे अपने दादा जी की जिंदगी को और अंदर से जानने का मौका मिला. मैं उन्हें एक दादा, पति और पिता के रूप में जानता हूं, लेकिन रवैल की इस किताब के जरिए मुझे उन्हें एक फिल्मकार के तौर पर जानने को मिला.
इस दौरान रणबीर कपूर ने ये इच्छा भी जाहिर की कि वह अपने दादा की बायोपिक बनाना चाहेंगे. उन्होंने कहा कि मुझे उनके जीवन पर बायोपिक बनाने में बहुत दिलचस्पी है. ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो शायद उस समय ऑफ द रिकॉर्ड थीं, जब राहुल अंकल उनके साथ काम कर रहे थे. मुझे पता है राहुल अंकल के पास कई किस्से हैं जो उन्होंने किताब में नहीं डाले हैं.