लखनऊ: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को लोक भवन पहुंचे, जहां सभी नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र उनके द्वारा दिया जाना है। यह पूरा कार्यक्रम माध्यमिक शिक्षा विभाग के द्वारा आयोजित किया गया है। जहां सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा और मंत्री सतीश द्विवेदी भी मौके पर उपस्थित रहे।
'युवाओं के साथ आपकी सरकार'.. पारदर्शी चयन प्रक्रिया के अंतर्गत राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के लिए 2,846 नव चयनित प्रवक्ताओं एवं सहायक अध्यापकों का ऑनलाइन पदस्थापन एवं नियुक्ति पत्र वितरण… https://t.co/t3FVxsCsZR
लोकसेवा आयोग द्वारा चयनित सहायक अध्यापकों व प्रवक्ताओं को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोकभवन में नियुक्ति पत्र वितरित करने का कार्यक्रम आयोजित हुआ। तीसरे चरण में 2667 एलटी ग्रेड व 179 प्रवक्ताओं को नियुक्ति पत्र दिया जाना है। बता दें कि 10768 शिक्षक भर्ती में चयनित अध्यापकों को इससे पहले दो चरणों में ऑनलाइन माध्यम से नियुक्ति पत्र बांटे जा चुके हैं।
कार्यक्रम में बोलते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश लगातार विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। यहां निवेश हो रहा है, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण कंपनियों को उत्तर प्रदेश में दिलचस्पी दिखाई दे रही है। इसका परिणाम क्या रहा कि आज एक करोड़ नवजवानों को नौकरी मिली है।
उत्तर प्रदेश में परंपरागत उद्योग को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। एमएसएमई से जुड़े सेक्टर को भी मजबूती मिल रही है। पिछली सरकारों के उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण उनकी स्थिति बिगड़ गई, लेकिन भाजपा ने दोबारा इसकी मैपिंग प्रारंभ की। इसके बाद उन सभी उद्योगों के लिए बाजार खोजा गया और बेहतर तकनीकी से जोड़ा गया। इसके बाद 2018 में एक जिला एक उत्पाद का ऐलान प्रदेश सरकार के द्वारा किया गया। इसका परिणाम यह रहा कि उत्तर प्रदेश के एक्सपोर्ट को आज एक नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सका है।
कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार में होने वाली सभी तरह की भर्ती और नियुक्ति प्रक्रिया पूरी पारदर्शी तरीके से हो रही है। उसी का परिणाम है कि सभी आसानी से इसका फायदा उठा रहे हैं और किसी भी तरह की अव्यवस्था नहीं देखने को मिल रही है। आज बेहतर माहौल उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहा है, इसका फायदा प्रदेश के नौजवानों को मिल रहा है।
इसके पहले की सरकार में बेईमानी, भ्रष्टाचार, वंशवाद और जातिवाद के दम पर चलती थी, लेकिन अब विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। सभी चयनित प्रक्रियाओं में ईमानदारी रखी जा रही है। अभी किसी भी तरह की भर्ती के लिए कोई भी सिफारिश की जरूरत नहीं होती। मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। शिक्षकों को चाहिए कि वह अपने काम के प्रति ईमानदार रहे, विद्यालय समय से पहुंचे। अपने काम को अच्छे से करेंगे तभी बदलाव आएगा।