17 सितंबर को यूपी के हर गांव और शहर में होगा किसान आंदोलन, 85 किसान संगठनों ने आज लखनऊ में लिया फैसला
यूपी में एक तरफ विधानसभा चुनाव की तैयारियां चल रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ किसानों ने आंदोलन (UP Farmer Protest) को और तेज करने का फैसला लिया है. संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले करीब 85 किसान संगठन लखनऊ में बैठक की. इस दौरान सभी ने कृषि कानूनों (Farmer Protest) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन को और तेज करने का फैसला लिया. किसानों ने एकमत होकर 17 सितंबर को राज्य भर में किसान आंदोलन करने का ऐलान किया है.
किसान अपने आंदोलन को हर गांव और शहर में गति देने का मन बना चुके हैं. भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष हरनाम सिंह ने लखनऊ में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि दो दिन तक इंदिरा नगर में हुई बैठक (Lucknow Farmer Meeting) के बाद आंदोलन को और तेज करने पर सहमति बनी है. उन्होंने कहा कि 85 किसान संगठनों ने सर्वसम्मति से ये फैसला लिया है कि 17 सितंबर को राज्य के हर गांव और शहर में आंदोलन को और तेज किया जाएगा.
किसान नेता ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान बीजेपी का बहिष्कार किया जाएगा. इस दौरान बीजेपी के किसी भी कार्यक्रम को नहीं होने दिया जाएगा. बीजेपी के विरोध में उनको काले झंडे दिखाए जाएंगे. किसानों का कहना है कि 27 सितंबर के बाद यूपी के सभी 18 कमिश्नरी और 75 जिलों में बड़ी रैलियां की जाएंगी. उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को रद्द करने तक किसान आंदोलन जारी रहेगा.
किसानों की महापंचायत को खाप का समर्थन
मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचात फिर से शुरू हो गई है. हिंद मजदूर किसान समिति ने 26 सितंबर को महापंचायत बुलाई है. गठवाला खाप के मुखिया चौधरी राजेंद्र मलिक ने इसे अपना समर्थन दिया है. आज हिंद मजदूर किसान समिति ने एक बैठक की थी. जिसमें समिति के कार्यकर्ताओं समेत खाप के मुखिया भी पहुंचे थे. इसी दौरान 26 सितंबर को किसानों की महापंचायत बुलाने का फैसला लिया गया.