बैंक कर्मियों की हड़ताल से अस्सी करोड़ लेन-देन हुआ प्रभावित
औरैया। सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के निजीकरण के प्रयास से खफा यूनाइटेड फॉरम आफ बैंक यूनियंस के आवाह्न पर गुरुवार को बैंक शाखाओं की हड़ताल की गई। बैंक अधिकारी व कर्मचारियों ने शहर के कानपुर रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक के बाहर सरकार के विरोध में नारेबाजी की। बैंकों की हड़ताल रहने से ८० करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ, जबकि ४० करोड़ रुपये की क्लीयरिंग भी प्रभावित हुई।
प्रदर्शन के दौरान एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री जितेंद्र तोमर ने बताया कि यह हड़ताल सरकार द्वारा प्रस्तावित सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के विरोध में एवं सरकार के मजदूर विरोधी गतिगामी बैंकिंग सुधार के विरोध में की जा रही है। उन्होंने कहा कि आज जो निजी क्षेत्र के तीन सबसे बड़े बैंक हैं यानि आईसीआईसीआई, एचडीएफसी और एक्सिस बैंक जो कभी सरकारी हुआ करते थे, उन्हें पीबी न सिंहा राव सरकार ने इन्हें निजी क्षेत्रों को बेंच दिया। भारतीय स्टेट बैंक के सलिल सक्सेना ने बताया कि बैंकों का निजीकरण का मतलब है कि ग्रामीण शाखाओं का बंद होना। छोटे एवं मध्यम आकार के उद्योगों एवं ऋण लेने वालों की परेशानी बढऩा।
कहा कि बैंकों का निजीकरण समाज की सामाजिक आर्थिक सुरक्षा के खिलाफ एवं बड़े पूंजीपतियों के हित के लिए है। यूपी बैंक इम्पलाई यूनियन के जिला उपाध्यक्ष रामकृपाल सेंगर ने बताया कि सरकारी बैंकों का उद्देश्य सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं, बल्कि राष्ट्र सेवा सामाजिक सेवा सर्वोपरि रखते हुए लाभ कमाना है। जबकि प्राइवेट बैंक एक व्यापारी की तरह होती है, जिसका असली मकसद सिर्फ मुनाफा कमाना है। इस मौके पर विनय अग्रवाल, रामविलास, आशीष कुमार, दिलीप पटारिया, देवराज सिंह, जगदीश सिंह, आशुतोष पांडेय आदि मौजूद रहे।