मनीष हत्याकांड: जीडी में खुद को बीमार बता फरार हुए थे इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज
कानपुर के रियल इस्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता की पीट कर हत्या करने के आरोपित इंस्पेक्टर जेएन सिंह और चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा ने खुद को बीमार बताकर थाने की जीडी से अपनी रवानगी की है। जेएन सिंह ने पहले अक्षय मिश्रा को बीमार बता इलाज के लिए रवाना किया और बाद में खुद की तबीयत खराब होने का जिक्र करते हुए फरार हो गया। हालांकि इससे पहले उसने अपनी गढ़ी हुई कहानी को जीडी में विधिवत दर्ज किया है। हालांकि यह कहानी लिखने में उसने 19 घंटे लगा दिए।
खास बात यह है कि 27 सितम्बर की रात हुई घटना को उसने जीडी में 28 सितम्बर की देर शाम को दर्ज किया है। रामगढ़ताल थाने की जीडी नम्बर 041 पर 28 सितम्बर को 19.48 बजे यह तस्करा डाला है। अब बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि जेएन सिंह और उसके साथी पुलिस कर्मियों को दोपहर में ही निलम्बित कर दिया गया था। मीनाक्षी गुप्ता अपने पति की हत्या का आरोप लगाते हुए पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर की मांग कर रही थी। उस वक्त जीएन सिंह अपनी जीडी लिख रहा था और घटना की कहानी गढ़ रहा था। हालांकि एफआईआर देर रात को हुई और वह जीडी में तस्करा डालकर रात में लखनऊ के नम्बर की काली स्कार्पियो से निकल गया था।
जेएन सिंह ने जीडा में लिखा है कि रात्रि जागरण के कारण हमराह उ.नि. अक्षय कुमार मिश्र की एवं मुझ प्रभारी निरीक्षक की तबीयत खराब हो गई है। उ.नि. अक्षय कुमार मिश्र को इलाज कराने के लिए रवाना किया गया है। उनके पास मौजूद पिस्टल और 10 चक्र कारतूस था जिसे कार्यालय दाखिल किया गया है। उसके बाद अपने लिए लिखा है कि चूंकि मुझ प्रभारी निरीक्षक की तबीयत भी खराब है। अत: खुद की बीमारी का तस्करा डालते हुए इलाज कराने को रवाना होना दर्ज किया है और रवाना होने से पहले अपने पास मौजूद रिवाल्वर मय कारतूस कार्यालय में दाखिल किया है। सीयूजी मोबाइल को कांस्टेबल मुंशी हरीश कुमार गुप्ता को सुपुर्द करते हुए हिदायत दी है कि इसे वरिष्ठ उ.नि. अरुण कुमार चौबे को सुपुर्द करें। अंत में तस्करा वापसी व बीमारी अंकित किया है।
जीडी में सिर्फ एक बात ही सच लिखा है जीएन सिंह
झूठ की कहानी से गढ़ी गई जीडी में इंस्पेक्टर जेएन सिंह ने एक बात सच लिखा है, वह है दरोगा विजय यादव और दरोगा राहुल दुबे को लेकर। जीएन सिंह ने लिखा है कि मनीष गुप्ता के घायल होने के बाद उसने अपने हमराह से कहा कि था विजय यादव और राहुल दुबे को बुलाने के लिए। विजय यादव का इलाका नौकायन चौकी क्षेत्र है। वह राहुल दुबे के साथ मौजूद थे। फोन के बाद दोनों हास्पिटल पहुंचे थे और मानसी हास्पिटल तक साथ गए थे। हालांकि जेएन सिंह ने जीडी में लिखा है कि दोनों उन्हें लेकर जिला अस्पताल और फिर मेडिकल कालेज गए थे। यही नहीं इस बात का भी जिक्र किया है कि इन दोनों दरोगा को मृतक की निगरानी के लिए मेडिकल कालेज में मौके पर ही छोड़ दिया था। हालांकि मेडिकल कालेज के ट्रामा सेंटर पर जो पर्चा बनाया गया है उसमें मनीष गुप्ता को मेडिकल कालेज लेकर आने में रामगढ़ताल थाना के एसआई अजय कुमार का जिक्र है।
मनीष गुप्ता की मौत के बाद दी अधिकारियों को सूचना
इंस्पेक्टर जेएन सिंह ने जीडी में जिस हिसाब से कहानी बताई है, उसके मुताबिक उसने उच्चाधिकारियों के मौखिक आदेश पर होटल/ढाबा चेकिंग करने के दौरान वह होटल पर गया था। पर मनीष गुप्ता के साथ हुई घटना की उसने अधिकारियों को तब तक जानकारी नहीं दी, जब तक कि उसकी मौत नहीं हो गई थी। जेएन सिंह ने जीडी में जो दर्ज किया है उसके मुताबिक मेडिकल कालेज में मनीष गुप्ता की मृत्यु होने के बाद उसने अधिकारियों को इसकी जानकारी दी थी।
सोचिए-समझिए क्या कहती है जीडी
रोजनामचा में दर्ज तस्करा का हू-ब-हू मजमून
मैं प्रभारी निरीक्षक जगत नारायण सिंह मय हमराह कांस्टेबल प्रवीण पाण्डेय, का. अंकित कुमार सिंह, का. सचिन कुमार यादव मय सरकारी वाहन संख्या यूपी 53 एजी 1354 के रवाना शुदा रफ्ता रपट रोआम तारीखी द्विरोज से मय हस्तबुल हमराह उ.नि. श्री अक्षय कुमार मिश्रा के देखभाल क्षेत्र में एलान-ए-जुर्म अभियान के तहत अपराधियों के सत्यापन, रोकथाम जुर्म जरायम चेकिंग संदिग्ध व्यक्ति/ वाहन,जांच पेंडिग एहकमात व पेंडिग विवेचना की विवेचनात्मक कार्रवाई, वांछित की गिरफ्तारी व अन्य दीगर कार्य सरकार से वापस थाना आया। हमराही कर्मचारी व रवानाशुदा शस्त्र व कारतूस अंदर मालगृह रखवा कर ताला बंद ठीक संतरी प्रहरी को दिखा गया चाभी पूर्ववत है।
विवरण कार्य सरकार इस प्रकार है-
मैं प्रभारी निरीक्षक मय हमराही कर्मचारीगण के थाना हाजा से प्रस्थान कर देखभाल क्षेत्र करते हुए दिनांक 27-9 2021 को श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के द्वारा आहूत की गई मीटिंग जटेपुर में पहुंच कर भाग लिया। वापस थाना हाजा आकर समस्त उप निरीक्षक गण को तलब कर सम्मेलन/ मीटिंग के दौरान श्रीमान जी के आदेश /निर्देश से अवगत कराया गया। तत्पश्चात क्षेत्र में भ्रमणशील होकर आजाद चौक पर मौजूद थे। उच्चाधिकारीगण के मौखिक आदेश कि रात्रि में होटल/ढाबा की चेकिंग की जाए के अनुपालन में चौकी प्रभारी फलमण्डी उ.नि. श्री अक्षय कुमार मिश्र को तलब कर हमराह लेकर कृष्णा होटल पहुंच कर होटल मैनेजर को साथ लेकर होटल का निरीक्षण किया गया तो कमरा न. 512 में तीन व्यक्ति एक साथ लेटे मिले। उनको जगाकर नाम पता पूछा गया तो उसमें एक व्यक्ति हड़बड़ा कर बिस्तर से नीचे मुंह के बल गिर गया। घायल अवस्था में देखकर उ.नि. श्री विजय यादव व उ.नि. श्री राहुल दुबे को हमराही कर्मचारीगण से फोन कर बुलाया गया और घायल मनीष गुप्ता को सरकारी वाहन में रखवाकर जिला अस्पताल गोरखपुर ले जाया गया। जहां पर डॉक्टरों द्वारा हालत गंभीर बता मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल से चलकर मेडिकल कालेज से चलकर मेडिकल कालेज पहुंच कर भर्ती कराने का प्रयास किया गया जिस पर इमरजेंसी डॉक्टर ने देखकर मनीष गुप्ता उपरोक्त को मृत घोषित कर दिया गया। मौके पर उ.नि. श्री विजय यादव, उ.नि. श्री राहुल दुबे को मृतक के निगरानी हेतु छोड़कर मय हमराह उ.नि. श्री अक्षय कुमार मिश्रा, रात्रि हमराह ड्यूटी हे.का. कमलेश यादव, का. प्रशांत कुमार के साथ वापस कृष्णा होटल आकर कानून व्यवस्था ड्यूटी हेतु मैजूद रहा तथा उक्त घटना के संबंध में उच्चाधिकारीगण को अवगत कराया गया।
बाला-बाला देखभाल क्षेत्र व शांति व्यवस्था ड्यूटी करते हुए रात्रि हमराह डियूटी हे. का. कमलेश यादव व का. प्रशांत कुमार को थाने पर छोड़ा गया व दिन में हमराह ड्यूटी का. प्रवीण कुमार पाण्डेय, का. अंकित कुमार सिंह, कां सचिन यादव को साथ लेकर पुन: मेडिकल कालेज पहुंच कर पीएम की कार्यवाही के दौरान शांति व्यवस्था ड्यूटी में मौजूद रहा। मृतक के परिवारीजनों के थाने पर पहुंचने की सूचना पाकर मैं एसएचओ मय हमराह के वापस थाना आया। रत्रि जागरण के कारण हमराह उ.नि. अक्षय कुमार मिश्र की एवं मुझ प्रभारी निरीक्षक की तबीयत खराब होने के कारण उ.नि. अक्षय कुमार मिश्र को इलाज कराने हेतु जायद तैनाती रवाना किया गया। उ.नि. अक्षय कुमार मिश्र के पास पूर्व में रवानाशुदा एक पिस्टल मय 10 चक्र कारतूस मौजूद है को कार्यालय दाखिल किया गया, चूकिं मुझ प्रभारी निरीक्षक की तबियत खराब है। अत: इसलिए बीमारी का तस्करा डालते हुए इलाज कराने हेतु रवाना हुआ पूर्व में रवानाशुदा एवं एक अदद रिवाल्वर मय कारतूस कार्यालय दाखिल किया गया व सीयूजी क.मु. हरीश कुमार गुप्ता को सुपुर्द करते हुए हिदायत किया गया कि वरिष्ठ उ.नि. श्री अरुण कुमार चौबे को सुपुर्द करें। तस्करा वापसी व बीमारी अंकित किया गया।