यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर राजनीतिक दलों के साथ आयोग ने भी तेज की अपनी तैयारियां
लखनऊः उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ सभी राजनीतिक दल अपने-अपने स्तर पर चुनावी तैयारियों को आगे बढ़ा रहे हैं. वहीं इसके साथ ही चुनाव कराने की जिम्मेदारी, जिसके ऊपर है, निर्वाचन आयोग के स्तर पर भी तमाम तरह के काम किए जा रहे हैं. मतदाता सूची बनाने का काम हो या मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान की बात हो, राज्य निर्वाचन आयोग के स्तर पर यह काम तेजी से कराया जा रहा है. जिससे आयोग समय रहते अपनी तैयारियों को पूरा कर ले और चुनाव को व्यवस्थित करा सकें. कोविड-19 संक्रमण के खतरे को देखते हुए मतदान केंद्रों में मतदाताओं की संख्या घटाने का भी काम आयोग की तरफ से किया जा रहा है.
कोविड के खतरे के चलते बढ़ेंगे बूथ, मानक निर्धारित
कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए इस बार के चुनावों में मतदाताओं की संख्या बूथों में कम करने का बड़ा फैसला किया गया है और इसको लेकर बकायदा मानक जीत निर्धारित किए गए हैं. एक बूथ में अधिकतम 1,200 मतदाताओं को शामिल किए जाने का मानक निर्धारित किया गया है. इससे पहले 1,500 मतदाताओं को एक बूथ में मतदान की सुविधा मिलती थी. अब जिन मतदान केंद्रों में मतदाताओं की संख्या अधिक होगी, वहां मतदान केंद्र बढ़ाने के साथ-साथ बूथों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. इसको लेकर उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में मतदाताओं की संख्या के आधार पर बूथों को बढ़ाने का काम किया जा रहा है.
इसके अलावा निर्वाचन आयोग के स्तर पर मतदाताओं के नाम जोड़ने व सूची संशोधित करने का काम भी विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान के अंतर्गत किया जा रहा है. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला की तरफ से मतदाता सूची के काम को अंतिम रूप देने और दिव्यांग युवा व महिला मतदाताओं को विशेष तौर पर जोड़ने को लेकर विशेष दिशा निर्देश दिए गए हैं. उत्तर प्रदेश में इस समय 1.65 लाख पोलिंग बूथ बने हुए हैं. प्रदेश में अभी 14 करोड़ पचास लाख मतदाताओं की संख्या है. नई वोटर लिस्ट के फाइनल प्रकाशन के बाद मतदाताओं की संख्या बढ़ने की काफी उम्मीद है. इसके अलावा पोलिंग सेंटर में मतदाता संख्या घटाए जाने के कारण पोलिंग सेंटर भी बढ़ाए जाएंगे.
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने ईटीवी भारत से कहा कि जो बूथों का नेशनलाइजेशन होना है. अधिकतम 1,200 के मतदाताओं की संख्या निर्धारित की गई है और यह काम लगातार चल रहा है. 25 सितंबर तक भारत निर्वाचन आयोग को अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा. वोटर लिस्ट के संबंध में जो एक जनवरी 2021 को 18 वर्ष या उससे ऊपर के हो चुके हैं, वह अपना नाम अब भी सतत पुनरीक्षण अभियान चल रहा है, उस के माध्यम से जुड़वा सकते हैं.
आयोग में विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान चल रहा है, जिसके लिए एक नवंबर की तिथि निश्चित कर दी गई है. 30 नवंबर तक यह काम किया जाएगा और इसके अंतर्गत नाम बढ़वाने, दावे, आपत्तियां और संशोधन की समय सीमा निर्धारित की गई है. इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं और जो फाइनल मतदाता सूची का ड्राफ्ट प्रकाशन होगा वह एक जनवरी 2020 निर्धारित की गई है. इस समय नए मतदाताओं को जोड़ने का काम लगातार चल रहा है. इसके अलावा जो लोग एक जनवरी 2022 को 18 वर्ष के पूरे होंगे वह लोग एक नवंबर से भी मतदाता सूची में नाम जुड़वा सकते हैं.
इसके अलावा कई आईटी टूल्स भी हैं, जिनमें वोटर हेल्पलाइन के माध्यम से भी नए मतदाता पंजीकरण करा सकते हैं. आयोग के स्तर पर इस प्रकार की तैयारियां चल रही हैं हम लोग यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि बीएलओ के द्वारा कोई भी अर्ह मतदाता छूटने न पाए. विशेष तौर पर हमारा फोकस दिव्यांग, युवा मतदाताओं एवं महिला मतदाताओं पर है, ताकि हमारी मतदाता सूची व्यवस्थित तरीके से बनाई जा सके और समय से पहले हमारी चुनावी तैयारियां पूरी हो सकें.
इस तरह बन सकते हैं मतदाता
मतदाता सूची में नाम जुड़वाने या बढ़वाने के लिए फॉर्म-6 भरना होता है. अगर आप ऑनलाइन आवेदन करके मतदाता बन रहे हैं तो आयोग की वेबसाइट http://www.nvsp.in पर जाकर न्यू वोटर एप्लाई’ पर फार्म-6 भरना होगा. इसमें आपको सभी जानकारी पूरे विस्तार के साथ भरनी होगी. इसके अलावा अपने क्षेत्र के बीएलओ और मतदाता पंजीकरण कार्यालय में जाकर भी ऑफलाइन फार्म 6 भरकर मतदाता बन सकते हैं. इसके अलावा मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद अगर नाम पते और आपकी अन्य जानकारी में कोई त्रुटि आदि है तो उसके लिए दावे और आपत्ति दर्ज कराकर सुधार कराया जा सकता है. इसके लिए नजदीकी मतदाता केंद्र या बीएलओ से संपर्क किया जा सकता है. निर्वाचन आयोग का टोल फ्री नंबर 1950 है.