लखनऊ। 29 जुलाई 2020 को प्रस्तुत की गई नई शिक्षा नीति NEP2020 के एक साल पूरे होने के उपलक्ष पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए इस नीति के हित धारकों को बधाई दी थी। उन्होंने अपने व्याख्यान में एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट को महती उपलब्धि के रूप में प्रस्तुत किया था। मल्टीपल एंट्री और एग्जिट के नए प्रावधानों को इस अकादमिक बैंक क्रेडिट से विशेष लाभ मिलने का विश्वास जताया।
लखनऊ विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी आयामों को पूरी तरह से अपने पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय बना जब उसने सत्र 2020-21 में अपने परास्नातक कार्यक्रम में इस अकादमिक बैंक क्रेडिट को पूर्ण रूपेण लागू किया।
इसी क्रम में एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट और मल्टीपल एंट्री एग्जिट प्वाइंट का फायदा अपने छात्रों तक सीधे पहुंचाने वाला पहला विश्वविद्यालय भी लखनऊ विश्वविद्यालय बना है। जिसके छात्र मोहम्मद खालिद जमाली ने विश्वविद्यालय के जीव रसायन विभाग में सत्र 2020-21 में एम एस सी में दाखिला लिया।
उन्होंने हाल ही में कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय को आवेदन प्रदान किया। जिसमें उन्होंने 2 सेमेस्टर की पढ़ाई पूरी करने के बाद सीबीसीएस के प्रावधान और अकादमिक बैंक क्रेडिट के अनुपालन में एक वर्ष के 48 क्रेडिट पूर्ण करने पर जीव रसायन विषय में पीजी डिप्लोमा लेकर अपनी पढ़ाई अभी के लिए समाप्त करने के विषय में आग्रह किया।
लखनऊ विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में सीबीसीएस के अंतर्गत किसी भी विद्यार्थी को 24 क्रेडिट के 4 सेमेस्टर करने होते हैं। 2 सेमेस्टर अर्थात 48 क्रेडिट पर अपने अकादमिक क्रेडिट बैंक में प्राप्त कर लेने के बाद छात्र पीजी डिप्लोमा ले सकता है। साथ ही वह अगले 3 वर्ष में फिर आकर चाहे तो शेष क्रेडिट प्राप्त कर परास्नातक की डिग्री प्राप्त कर सकता है।
इसे ध्यान में रखते हुए कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने यह निर्देश जारी किया कि मोहम्मद खालिद जमाली को जीव रसायन में पीजी डिप्लोमा नियमत: उनके दूसरे सेमेस्टर के परिणामों की घोषणा के साथ प्रदान कर दिया जाए। मोहम्मद खालिद जमाली देश के प्रथम छात्र होंगे जिन्हें नई शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रदान की गई इस सुविधा का लाभ प्राप्त होगा। लखनऊ विश्वविद्यालय देश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय होगा जो इसको प्रदान करेगा।