देशबड़ी खबर

उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी ‘इंडिया’ गठबंधन के रुख को प्रतिबिंबित नहीं करती: राघव चड्ढा

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता राघव चड्ढा ने सनातन धर्म पर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी की मंगलवार को निंदा की, साथ ही यह भी कहा कि किसी भी पार्टी के कुछ ‘‘छोटे’’ नेताओं द्वारा दिए गए बयानों को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का आधिकारिक रुख नहीं माना जा सकता है। चड्ढा ने एक साक्षात्कार में पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैं सनातन धर्म से हूं। मैं ऐसे बयानों की निंदा और विरोध करता हूं। इस तरह के बयान नहीं दिए जाने चाहिए। किसी को भी धर्म पर ऐसी टिप्पणी करने से बचना चाहिए। हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस मुद्दे को लेकर ‘इंडिया’ गठबंधन पर हमलावर है। भाजपा ने मंगलवार को विपक्षी गठबंधन पर वोट बैंक की राजनीति के लिए सनातन धर्म को निशाना बनाने का छिपा हुआ ‘‘एजेंडा’’ चलाने का आरोप लगाया। आप नेता ने कहा, ‘‘किसी पार्टी का कोई नेता इस तरह की टिप्पणी करता है… इसका मतलब यह नहीं है कि यह गठबंधन का बयान है। देश के सामने महंगाई, बेरोजगारी जैसे बड़े मुद्दों को उठाने के लिए गठबंधन बनाया गया है। एक राज्य के एक जिले में खड़े होकर किसी छोटे नेता द्वारा दिया गया बयान, गठबंधन का आधिकारिक रुख नहीं है।’’

आगामी लोकसभा चुनावों में एकजुट होकर भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का मुकाबला करने के लिए दो दर्जन से अधिक विपक्षी दलों ने ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) बनाया है। चड्ढा उस 14-सदस्यीय समन्वय समिति के सदस्य हैं, जो ‘इंडिया’ गठबंधन की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था है। बुधवार को दिल्ली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार के आवास पर समिति की बैठक होगी। चड्ढा ने कहा, ‘‘बैठक में उन मुद्दों पर चर्चा होगी, जिन्हें हम उठाएंगे। साथ ही इन मुद्दों को रैली, घर-घर अभियान या सार्वजनिक सभाओं के माध्यम से लोगों तक कैसे पहुंचाया जाएगा, इस पर भी चर्चा होगी। हम राज्यवार इस पर चर्चा करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस गठबंधन को सफल बनाने के लिए हर राजनीतिक दल को तीन चीजों का त्याग करना होगा- महत्वाकांक्षा, मतभेद और मनभेद।’’ जब उनसे विपक्षी गठबंधन के संभावित प्रधानमंत्री पद के नामों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पहली बात तो यह है कि आम आदमी पार्टी इस दौड़ में नहीं है। आप नेता ने कहा, ‘‘हम इस गठबंधन में एक वफादार सिपाही हैं। हम प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में नहीं हैं। हमारे गठबंधन में कई सक्षम प्रशासक हैं। हमारे पास कई सक्षम लोग हैं। लेकिन, क्या राजग में कोई खड़ा होकर कह सकता है कि वे चाहते हैं कि नितिन गडकरी प्रधानमंत्री बनें या अमित शाह प्रधानमंत्री बने? मैं यहां सिर्फ यह साबित करना चाहता हूं कि हमारे पास कई सक्षम प्रशासक हैं। उनके पास कोई नहीं है। वे केवल एक नेता का नाम ले सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘गठबंधन इसका (प्रधानमंत्री पद के नाम पर) निर्णय लेगा। यहां तक कि 1977 में बने गठबंधन के पास भी प्रधानमंत्री पद का कोई घोषित चेहरा नहीं था, फिर भी उन्होंने इंदिरा गांधी के खिलाफ चुनाव जीता। मुझे ऐसी ही स्थिति का आभास हो रहा है।’’ द्रमुक नेता उदयनिधि स्टालिन ने हाल में लोगों के बीच विभाजन और भेदभाव को बढ़ावा देने के लिए सनातन धर्म को जिम्मेदार ठहराया था और इसके उन्मूलन का आह्वान किया था। हाल में सात विधानसभा सीटों पर संपन्न उपचुनाव में ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल दलों ने चार सीटें जीतीं जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने तीन सीट पर सफलता हासिल की।

हालिया उपचुनाव नतीजों का जिक्र करते हुए चड्ढा ने कहा, ‘‘जब भी ‘इंडिया’ गठबंधन और राजग के बीच लड़ाई होगी, ‘इंडिया’ ही जीतेगा। ऐसा 2024 में भी होगा।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘भाजपा ने देश का नाम बदल दिया है। यह ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रति उसके डर को दर्शाता है। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि यह देश और इसका नाम उनकी पुश्तैनी विरासत नहीं बल्कि ये देश 135 करोड़ लोगों का है। इससे साबित होता है कि भाजपा को ‘इंडिया’ या भारत से नहीं बल्कि सिर्फ सत्ता से प्यार है।’’

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button