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मनरेगा का मतलब पहले भ्रष्टाचार था, अब विकास: केशव मौर्य

लखनऊ। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश को मनरेगा के हर एक कार्य में नम्बर वन होना ही चाहिए। क्योकिं हमारी आबादी सबसे ज्यादा है और यहां श्रमशक्ति सबसे ज्यादा मौजूद हैं। श्रमशक्ति का सदुपयोग होना चाहिए। मनरेगा का मतलब पहले भ्रष्टाचार था, अब मनरेगा मतलब विकास है।

उपमुख्यमंत्री ने अलीगंज क्षेत्र में ग्राम विकास विभाग के मनरेगा पर आधारित चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षण ले रहे लोगों को सम्बोधित किया। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रदेश स्तर के अधिकारीगण जिसमें सीजीएम, अपर आयुक्त सहित तमाम अधिकारी यहां मौजूद हैं। यहां 20 जिले प्रतिभाग कर रहे हैं। 68 ग्राम प्रधान हैो। रोजगार सेवक 51 की संख्या में मौजूद हैं। एपीओ 52 हैं, 43 लेखा सहायक मौजूद हैं। कुल 351 लोग प्रतिक्षण ले रहे हैं। यहां प्रशिक्षण कार्यक्रम में आये लोगों के मन में कोई विचार है तो उससे जुड़ा प्रश्न पूछना चाहिए। जो प्रशिक्षण देने वाले हैं, वे हर प्रश्न का उत्तर दें।

उन्होंने कहा कि गांव में लोग हर समय काम करते हैं। काम कर शक्ति बनाये रखते हैं। हमें इस देश को शक्तिशाली बनाना है, प्रदेश को शक्तिशाली बनाना है तो लोगों में काम करने की आदत बनाये रखनी है। काम करने वाले लोग होने चाहिए, उनमें क्षमता भी बनी रहनी चाहिए।

उन्होंने जोर देकर कहा कि गांव के समग्र विकास के बिना प्रदेश का विकास अधूरा है। गांवों के विलुप्त हुए पानी की निकासी व छोटी.छोटी नदियों को मनरेगा के माध्यम से पुनर्जीवित करने का प्रयास हो रहा है। जिससे उस गांव के जलस्तर में सुधार भी आएगा। साथ ही, पानी की आवश्यकताओं की भी पूर्ति होगी।

आप सभी प्रशिक्षण लेकर गांव के विकास के लिए दिनरात अपनी भूमिका का निर्वहन करें। श्रम करें और श्रम करने वालों को मनरेगा के महत्व को बतायें। पहले से चला आ रहा है कि मनरेगा में बहुत सारे फर्जी कार्ड बने हैं। ये नहीं होना चाहिए। फर्जी कार्ड न बने। जो भी कार्ड बने, श्रम करने वाले लोगों के ही बने।

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