उत्तर प्रदेशलखनऊ

ज्ञानदान श्रेष्‍ठ कार्य है: उमानन्द शर्मा

  • माननीय उप मुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक के सन्‍दर्भ पुस्तकालय में गायत्री ज्ञान मंदिर के ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत 441वाँ युगऋषि वाङ्मय की स्थापना सम्पन्न

गायत्री ज्ञान मंदिर इंदिरा नगर, लखनऊ के विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान के अन्तर्गत ‘‘मा० उप मुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक’’ के सन्‍दर्भ पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं० श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 79 खण्डों का 441वाँ ऋषि वाङ्मय की स्थापना का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। उपरोक्त साहित्य गायत्री परिवार की सक्रिय कार्यकर्ता श्री एम०के० निरंजन (पुत्र) और श्रीमती अर्चना निरंजन (पुत्रवधू) अपने दिवंगत माता-पिता स्‍व० श्रीमती मिथिलेश निरंजन एवं स्‍व० माता प्रसाद निरंजन की स्मृति में भेंट किया तथा उपस्थित लोगों को अखण्ड ज्योति (हिन्दी) पत्रिका भेंट की।

इस अवसर पर वाङ्मय स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने कहा कि “ज्ञानदान श्रेष्‍ठ कार्य है।” इस अवसर पर आदरणीय श्री बृजेश पाठक जी ने सादर अभिनन्‍दन करते हुये कहा कि ऋषि का सद्साहित्‍य हमें प्राप्‍त हुआ यह हमारा सौभाग्‍य है। उन्‍होंने श्री एम०के० निरंजन, श्रीमती अर्चना निरंजन सहित गायत्री परिवार को धन्‍यवाद दिया। इस अवसर पर गायत्री ज्ञान मंदिर के प्रतिनिधि श्री एम०के० निरंजन, श्रीमती अर्चना निरंजन, श्री उमानंद शर्मा, श्रीमती सावित्री शर्मा, श्री वी०के० श्रीवास्तव, श्री देवेन्द्र सिंह और डॉ० नीलम गुप्‍ता, श्रीमती उषा सिंह, श्रीमती कमला सक्‍सेना सहित अन्‍य लोग उपस्थित थे।

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