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कन्नौज लोकसभा सीट से नामांकन के बाद अखिलेश बोले- हथौड़ा तभी मारना चाहिए, जब लोहा गरम हो

कन्नौज: 15 साल बाद कन्नौज लोकसभा सीट से एक बार फिर अखिलेश यादव ने गुरुवार को नामांकन किया. इस दौरान उनके साथ प्रोफेसर राम गोपाल, पूर्व कैबिनेट मंत्री ऊषा वर्मा व अमिताभ बाजपेयी मौजूद रहे. नामांकन के बाद अखिलेश ने कहा कि कन्नौज की खूशबू नफरत की राजनीति को खत्म करेगी. चुनाव लड़ने के फैसले में देरी पर अखिलेश ने कहा कि हथौड़ा तभी मारना चाहिए जब लोहा गरम हो. सपा मुखिया ने भाजपा पर नफरत की राजनीति करने और करीबी कारोबारियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया.

पहली बॉल पर मारेंगे छक्का

अखिलेश यादव ने कहा कि जैसे ही उन्होंने कन्नौज से चुनाव लड़ने की घोषणा की, भाजपा नेताओं के सुर बदल गए. भाजपा प्रत्याशी व सांसद सुब्रत पाठक के बयान कि ‘अब कन्नौज में भारत-पाकिस्तान का मैच होगा’ इसपर अखिलेश यादव ने कहा कि कन्नौज में वह न बॉल कर पाएंगे और न ही बैट चला पाएंगे. समाजवादी लोग पहली ही बॉल पर छक्का मार देंगे.

 

टैक्स के नाम पर की जा रही वसूली

नामांकन के बाद अखिलेश भाजपा पर हमलावर रहे. कहा कि टैक्स के नाम पर वसूली की जा रही है. भाजपा ने जीएसटी लगाया और फिर टैक्स चोरी का रास्ता भी बताया. कहा कि भाजपा ने अपने कारोबारियों को लाभ पहुंचाया है. रुझान आने शुरू हो गए हैं. भाजपा की भाषा बदल गई है. कहा कि देश में इंडिया गठबंधन जीतेगा और नफरत की राजनीति हारेगी.

राहुल गांधी भी आएंगे, सब आएंगे

इस दौरान अखिलेश सपा सरकार में कन्नौज में कराए गए कार्यों को भी गिनाया. कहा कि सभी नदियों पर पुल सपा की सरकार में ही बने. दुनिया की सबसे अच्छी सड़कें सपा सरकार में बनीं. इस बार फिर सपा जीतेगी और कन्नौज की खुशबू, मोहब्बत की खुशबू फैलेगी. कन्नौज की क्रांति खुशबू की क्रांति है. कन्नौज का इतिहास बहुत शानदार रहा है. कन्नौज के कारोबार ने न केवल भारत में बल्कि दुनिया में स्थान बनाया है. भाजपा को लेकर कहा कि इन लोगों ने नकारात्मक राजनीति की है. कन्नौज में एक बार फिर से जनता प्यार और भाईचारा लाने का काम करेगी. लोगों में भाईचारा होगा और सब मिलकर आगे बढ़ेंगे. अखिलेश ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वे कन्नौज आ गए हैं, राहुल गांधी भी आएंगे, सब आएंगे.

एक दिन पहले ही की अपने नाम की घोषणा

बता दें कि अखिलेश यादव ने कन्नौज लोकसभा सीट पर खुद के चुनाव लड़ने पर बने सस्पेंस को समाप्त करते हुए एक दिन पहले अपने नाम की घोषणा की थी. इससे पहले उन्होंने अपने भतीजे तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार घोषित कर दिया था. इसके बाद कन्नौज में स्थानीय स्तर पर नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच तेज प्रताप को स्वीकार करने और सपा के लिए सेफ सेट रही कन्नौज जीतने में तेज प्रताप के सक्षम होने पर सवाल खड़े किए गए. कन्नौज के स्थानीय नेताओं की तरफ से तेज प्रताप यादव के चुनाव जीतने पर सहमति नहीं जताई और कहा कि अखिलेश के अलावा कन्नौज सीट पर कोई अन्य व्यक्ति चुनाव नहीं जीत सकता है. ऐसे में अखिलेश यादव को ही चुनाव लड़ना चाहिए. गुरुवार को अखिलेश ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया.

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