उत्तर प्रदेशवाराणसी

श्री काशी विश्वनाथ का दरबार चौखट से शिखर तक सोने से हुआ दपदप

  • स्वर्ण की पीली आभा दरबार के नैसर्गिक आध्यात्मिक सौन्दर्य में चार चांद लगा रही
  • स्वर्ण को छतिग्रस्त होने से बचाने के लिए एक्रेलिक शीट (पारदर्शी प्लास्टिक) की सीट लगाई गई

वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ का दरबार स्वर्ण की पीली आभा से दपदप कर रहा है। दरबार के शिखर से लेकर चौखट, दीवारें स्वर्णिम आभा बिखेर रही है। सूर्य के रौशनी में सोने की चमक से दरबार का नैसर्गिक आध्यात्मिक सौन्दर्य देख लोग आह्लादित हो रहे है।

मंदिर के गर्भगृह के बाद बाहरी दीवारों पर भी सोने की परत चढ़ा दी गई है। मंदिर के गर्भगृह की बाहरी दीवारों को लगभग 23 किलो सोने से स्वर्ण मंडित किया गया है। दक्षिण भारतीय शिव भक्त से दान में मिले सोने से मंदिर के गर्भगृह की भीतरी दीवारों को तो स्वर्ण मंडित किया गया था।

मंदिर में कुल 60 किलोग्राम सोना लगाया गया है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि दरबार में स्वर्ण लगाने की इच्छा एक दानदाता ने जताई थी। उनकी अनुमति पर मंदिर में स्वर्ण लगाने का बीते कार्य गुरुवार शाम पूर्ण हो गया। लगभग 60 किलो सोने की परत मंदिर के गर्भ गृह और बाहर की दीवारों पर लगाया गया।

वहीं, चारों दरवाजों के चौखट और पत्थरों पर स्वर्ण की परत चढ़ाई गई। उन्होंने बताया कि पहले चरण में यह कार्य मंदिर के गर्भ गृह के अंदर की दीवारों पर, छत में बने श्रीयंत्र को भी स्वर्ण मंडित किया गया। जो फरवरी-मार्च तक पूर्ण कर लिया गया था।

इसके बाद द्वितीय चरण का कार्य हुआ, जिसमें मंदिर के बाहरी दीवारों और चौखट पर स्वर्ण मंडन का कार्य शुरू हुआ जो अब पूरा हो गया है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि गर्भगृह के अंदर लगी दीवार के स्वर्ण को छतिग्रस्त होने से बचाने के लिए एक्रेलिक शीट (पारदर्शी प्लास्टिक) की सीट लगाई गई है, ताकि स्वर्ण को छतिग्रस्त होने से बचाया जा सके।

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