ताज़ा ख़बरविदेश

यूक्रेन में फंसे लोगों के लिए भारतीय दूतावास ने जारी की नई एडवाइजरी

यूक्रेन में मौजूद भारतीय दूतावास ने शुक्रवार को एक नई एडवाइजरी जारी की. इस एडवाइजरी में कहा गया कि दूतावास अपने काम को जारी रखे हुए है. इसके अलावा, एडवाइजरी में उन लोगों के लिए कॉन्टैक्ट डिटेल्स मुहैया कराए गए, जो अभी भी दूतावास की सहायता चाहते हैं. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की वजह से हजारों की संख्या में भारतीय यूक्रेन में फंस गए थे. इसके बाद भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन गंगा’ के जरिए इन भारतीयों को बाहर निकाला. दोनों मुल्कों के बीच छिड़ी जंग की वजह से लाखों लोग विस्थापित भी हुए हैं.

भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, ‘यूक्रेन में रहने वाले भारतीयों, भारतीय दूतावास अभी भी काम कर रहा है. हमसे ईमेल और हेल्पलाइन नंबर के जरिए संपर्क किया जा सकता है. ईमेल आईडी है- cons1.kyiv@mea.gov.in और 24*7 सहायता के लिए व्हाट्सएप नंबर है- +380933559958, +919205209802 and +917428022564.’ भारतीय दूतावास को 13 मार्च को पोलैंड की राजधानी वॉरसा में अस्थायी तौर पर शिफ्ट किया गया था. विदेश मंत्रालय ने इसे लेकर कहा था कि तेजी से बिगड़ते सुरक्षा हालात को लेकर ऐसा किया गया. वॉरसा शिफ्ट होने से पहले भारतीय दूतावास को कीव से ल्वीव में शिफ्ट किया गया था, जो पोलैंड की सीमा से 70 KM दूर है.

ऑपरेशन गंगा अभी भी जारी

इससे पहले, विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि युद्धग्रस्त यूक्रेन में 15-20 भारतीय हैं, जो वहां से बाहर निकलना चाहते हैं और उन्हें सभी तरह की मदद प्रदान की जा रही है. मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि ‘ऑपरेशन गंगा’ अभी भी जारी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा कि यह युद्ध की स्थिति है, लेकिन जो भी बाहर आना चाहते हैं, उन्हें निकालने का काम हम जारी रखेंगे. उन्होंने कहा, ‘तीन दिन पहले तक वहां करीब 50 भारतीय थे. हमारा अनुमान है कि 15-20 लोग उस देश (यूक्रेन) को छोड़ना चाहते हैं. अन्य वे लोग हैं जो अभी बाहर नहीं निकलना चाहते हैं. जितनी मदद संभव है, हम उतनी कर रहे हैं.’

मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि युद्धग्रस्त यूक्रेन से 22,500 भारतीयों को वापस लाया गया है और कहीं-कहीं कुछ लोग अभी हैं और यह उभरती स्थिति है. उन्होंने कहा, ‘हम सभी भारतीयों के संपर्क में हैं जो वहां हैं. भारतीय दूतावास हर संभव मदद दे रहा है.’ भारत ने युद्ध की शुरुआत होने के बाद एहतियात के तौर पर भारतीय लोगों को बाहर निकालने का काम शुरू किया था.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button