
बीजिंग: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बीजिंग में हुई उच्च-स्तरीय वार्ता के बाद किम जोंग के स्टाफ ने डीएनए से जुड़े सारे सुबूतों को बैठक स्थल से मिटा दिया। इसके लिए स्टाफ ने उस कुर्सी और मेज को पूरी तरह से रगड़-रगड़ कर साफ कर दिया, जिसे भी किम जोंग ने छुआ था या वह जिस चेयर पर बैठे थे। किम जोंग के इस असामान्य कदम ने अंतरराष्ट्रीय हलकों में हैरानी पैदा कर दी है।
किम जोंग के स्टाफ का वीडियो वायरल
टेलीग्राम पर सामने आए एक वीडियो में देखा जा सकता है कि जैसे ही पुतिन और किम जोंग की बैठक समाप्त हुई, वैसे ही उत्तर कोरियाई नेता का स्टाफ तुरंत उस कुर्सी की पीठ, बांहों और बगल की मेज को पोंछने में जुट गया। इतना ही नहीं, जिस गिलास किम जोंग ने पानी पिया था, उसे भी एक ट्रे में उठाकर उत्तर कोरिया लेकर चले गए। यह देखकर पूरी दुनिया हैरान रह गई है कि किम जोंग ने अपने स्टाफ से ऐसा क्यों कराया। आखिर किम का स्टाफ डीएनए से जुड़े सारे सुबूतों और फिंगर प्रिंट को क्यों मिटाने के बाद ही वहां से गया।
किम जोंग की मौजूदगी में मिटाए गए सभी फिंगरप्रिट और सुबूत
खास बात यह है कि यह सभी निशान किम जोंग की मौजूदगी में उनके स्टाफ द्वारा मिटाया गया। इस काम को फॉरेंसिक एक्सपर्ट के तौर पर किया गया। ऐसा माना जा रहा है कि सुबूत मिटाने वाला किम जोंग का स्टाफ फॉरेंसिक एक्सपर्ट ही रहा होगा। जिसने सभी सुबूतों को अत्यंत सावधानीपूर्वक मिटा दिया। रूसी पत्रकार अलेक्जेंडर यूना शेव ने अपने चैनल Yunashev Live पर इसका वीडियो डाला है, जिसे रशियन मार्केट ने शेयर किया है। यूना शेव ने यह भी कहा कि भले ही यह साफ-सफाई अजीब लगी हो, लेकिन बैठक सकारात्मक माहौल में समाप्त हुई और किम व पुतिन ने साथ में चाय पीने के बाद संतुष्ट भाव से विदा ली।
डीएनए सुरक्षा किम की चिंता या रणनीति?
किम के स्टाफ द्वारा बरती गई इतनी अधिक सतर्कता के पीछे की वजह स्पष्ट नहीं है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यह रूसी या चीनी जासूसी एजेंसियों से डीएनए चोरी के डर का परिणाम हो सकता है। गौरतलब है कि खुद पुतिन भी अपनी जैविक जानकारी की सुरक्षा के लिए इसी तरह की सावधानियां बरतते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2017 से विदेशी दौरों पर जाते समय उनके अंगरक्षक उनके मल-मूत्र को सीलबंद थैलों में एकत्र करते हैं। ताकि उनकी डीएनए प्रोफाइल चोरी न हो सके। दावा किया जा रहा है कि यह प्रोटोकॉल पुतिन की टीम ने अलास्का में ट्रंप के साथ बैठक के दौरान भी अपनाया था।
पुतिन और किम जोंग में क्या हुई बातचीत
किम जोंग उन ने रूस के साथ पूर्ण एकजुटता का संकल्प जताते हुए कहा, “अगर रूस और उसके लोगों के लिए कुछ भी करना मेरी जिम्मेदारी है, तो मैं उसे भाईचारे के दायित्व के रूप में निभाऊंगा। पुतिन ने उन्हें “प्रिय चेयरमैन ऑफ स्टेट अफेयर्स” कहकर संबोधित किया और रूस को समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया, जिसमें यूक्रेन युद्ध में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती भी शामिल है। रिपोर्ट्स के अनुसार, लगभग 13,000 उत्तर कोरियाई सैनिकों में से अब तक करीब 2,000 मारे जा चुके हैं।
पश्चिमी प्रतिबंधों के खिलाफ नई धुरी
किम की यह यात्रा कोविड महामारी के बाद चीन की पहली यात्रा थी, जिसमें उन्होंने न केवल पुतिन और शी जिनपिंग से मुलाकात की, बल्कि विश्व के दो दर्जन से अधिक नेताओं से भी संपर्क साधा। यह उत्तर कोरिया के लिए वैश्विक कूटनीति में वापसी का संकेत है। अब जबकि 2024 की आपसी रक्षा संधि लागू हो चुकी है, मॉस्को और प्योंगयांग के बीच संबंध बीते दशकों में पहले से कहीं अधिक मजबूत हो गए हैं। दोनों देश अब पश्चिमी प्रतिबंधों के खिलाफ साझा प्रतिरोध की रणनीति पर आगे बढ़ रहे हैं।