उत्तर प्रदेशप्रयागराज

मृतक आश्रित में योग्यता के आधार पर पद की मांग करना गलत : हाईकोर्ट

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को फैसला दिया है कि योग्यता के आधार पर मृतक आश्रित नियमावली के तहत नौकरी की मांग करना सही नहीं है। कोर्ट ने याची की विशेष अपील को खारिज करते हुए कहा कि मृतक आश्रित के रूप में नौकरी अधिकार नहीं होता, बल्कि आर्थिक तंगी से तत्काल राहत देने के लिए ऐसे कानून बनाए गए हैं।

यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केसरवानी व न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने इकबाल खान द्वारा एकल जज के निर्णय के खिलाफ दाखिल उनकी विशेष अपील को खारिज करते हुए दिया। याची अपीलार्थी ने मृतक आश्रित नियमावली के तहत नौकरी की मांग की थी। याची को लैब अटेंडेंट के रूप में नौकरी मिल गई थी। उसने इस पद पर ज्वाइन भी कर लिया। लगभग 4 साल बाद याची ने याचिका दायर कर मांग की कि उसे मृतक आश्रित के रूप में लैब अटेंडेंट की जगह फार्मासिस्ट के पद पर नौकरी दी जाए, क्योंकि वह इस पद की योग्यता रखता है।

हाईकोर्ट के एकल जज ने याची के इस मांग को अस्वीकार कर दिया था और कहा कि उसने लैब अटेंडेंट पद पर ज्वाइन कर लिया है। तथा फार्मासिस्ट का पद यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा भरा जाने वाला पद है। इस कारण याची की योग्यता के आधार पर फार्मासिस्ट के पद पर नियुक्ति नहीं की जा सकती।

एकल जज के इस आदेश को याची ने विशेष अपील दाखिल कर दो जजों के समक्ष चुनौती दी थी। अपीलार्थी के वकील का कहना था कि आश्रित के रूप में नियुक्ति योग्यता के आधार पर किया जाए, भले ही उसने नीचे का पद स्वीकार कर लिया हो। हाईकोर्ट की विशेष अपील बेंच ने याची की इस दलील को अस्वीकार कर दिया तथा कहा कि मृतक आश्रित में नियुक्ति मृतक के परिवार को आर्थिक तंगी से तत्काल राहत देने के लिए बनाया गया है। याची पहले ही नौकरी पा चुका है और लैब अटेंडेंट के पद पर काम कर रहा है। कोर्ट ने कहा कि एकल न्यायाधीश द्वारा पारित आदेश में कोई कानूनी खामी नहीं है। इस कारण याची की विशेष अपील खारिज की जाती है।

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button