मेरठ में गुर्जर महापंचायत में भारी बवाल, लाठीचार्ज-पथराव, 250 से अधिक लोग हिरासत में, इलाके में तनाव

मेरठ के दौराला थाना क्षेत्र के दादरी गांव में रविवार को बुलाई गई गुर्जर महापंचायत देखते ही देखते हंगामे में बदल गई। पंचायत में गुर्जर समाज के हक, राजनीतिक भागीदारी और टिकटों में हिस्सेदारी जैसे मुद्दों पर चर्चा होनी थी, लेकिन पुलिस की सख्ती से माहौल बिगड़ गया। कई प्रमुख नेताओं को कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पहले ही हिरासत में ले लिया। इससे आक्रोशित भीड़ उग्र हो उठी और पथराव शुरू हो गया। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। मौके से करीब 250 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
नेताओं को रास्ते में ही रोका गया
राष्ट्रीय गुर्जर समाज संघर्ष समिति के अध्यक्ष रविंद्र भाटी गुर्जर, अभिनव और अमित मोतला समेत कई नेताओं को पुलिस ने पंचायत स्थल से पहले ही रोककर पुलिस लाइन भेज दिया। इस कार्रवाई से नाराज समर्थकों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया। गिरफ्तारी की खबर फैलते ही मौके पर तनाव बढ़ गया।
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पश्चिमी यूपी से उमड़ी थी भीड़
इस महापंचायत में मेरठ सहित सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, नोएडा और अन्य जिलों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। मिली जानकारी के मुताबिक पंचायत में पहुंचे कुछ युवक माहौल बिगाड़ने के लिए आतुर थे, इसकी भनक पुलिस महकमे को लग गई, जिसके चलते ही जैसे ही भीड़ पंचायत के लिए जुटी तो पुलिस ने उसे तितर-बितर करने की कोशिश की। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इस दौरान पुलिस-भीड़ आमने-सामने आ गई और कुछ जगहों पर पथराव भी हुआ। स्थिति बेकाबू होते देख पुलिस ने बल प्रयोग किया।
गुर्जर नेताओं का आरोप है कि प्रशासन जानबूझकर समाज की आवाज को दबा रहा है। उन्होंने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से अपने अधिकारों की बात कर रहे थे, लेकिन सरकार ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए हमारे नेताओं को जबरन उठाया। वर्तमान सरकार के प्रति गुर्जर समाज की निष्ठा है, लेकिन समाज के हक को यदि अनदेखी किया जायेगा तो यह बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने कहा कि कुछ लोग पंचायत के बहाने रैली और माहौल बिगाड़ने की योजना बना रहे थे। इसी को देखते हुए एहतियाती कार्रवाई की गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्थिति को शांतिपूर्ण ढंग से नियंत्रित कर लिया गया है, और फिलहाल कोई पथराव नहीं हो रहा है।
क्षेत्र में तनाव, सुरक्षा बढ़ाई गई
घटना के बाद दादरी गांव और आसपास के क्षेत्रों में तनाव का माहौल है। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। गुर्जर समाज का कहना है कि यह केवल हक और प्रतिनिधित्व की आवाज थी, जिसे दबाने की कोशिश की गई।