उत्तर प्रदेशलखनऊ

पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा हो

लखनऊ। पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक की सुरक्षा हो। उन देशों में निर्दोष सिक्खों और हिन्दुओं की हो रही जघन्य हत्या की भर्त्सना करते हुए गुरूवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में धर्म संसद का आयोजन हुआ। लखनऊ गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के तत्वाधान में यूपी प्रेस क्लब में सर्वधर्म सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें ईसाई, मुस्लिम, बौद्ध, सिंधी, सिक्ख धर्मों के गुरू भी शामिल हुए।

लखनऊ गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह बग्गा ने कहा कि धर्म संसद को देश और विदेश में रह रहे अल्पसंख्यक की सुरक्षा, आत्मसम्मान, एवं स्वतन्त्र रूप से अपने धर्म की परम्पराओं को मानने और आपसी भाईचारे एवं धार्मिक सौहार्द बनाए रखने के लिए किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान में हुई सिक्खों की हत्या व ईसाई, सिन्धियों एवं हिन्दुओं का पलायन लगातार जारी है।

आश्चर्य है कि इस जघन्य अपराध के लिए पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान दोनों देशों का रवैय्या उदासीन है। न केवल पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान में धार्मिक सौहार्द का हनन हो रहा है बल्कि इन दोनों देशों के कुक्ख्यात आतंकवादी संगठन इस देश में भी धार्मिक सौहाद्रता को क्षति पहुचाने एवं भाईचारे को विध्वंस्त करने के लिए प्रयत्नशील है। इस कारण से सभी धर्माेे के धर्म गुरूओं की नैतिक जिम्मेदारी है कि धार्मिक सौहार्द को सुदृढ़ करने के लिए कृत संकल्प रहे। इसी उद्देश्य से यह सर्वधर्म सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।

प्रबन्धक कमेटी के महामंत्री एवं गुरूद्वारा, सदर के अध्यक्ष हरपाल सिंह जग्गी ने कहा कि दो -तीन दिन पूर्व अफगानिस्तान स्थित ‘करते परवान गुरूद्वारे’ में आतंकवादियों ने हमला किया , जिसमें सिक्ख समुदाय के सुरविन्दर सिंह को शहीद कर दिया गया। हिन्दू एवं सिक्खों को गुरूद्वारे में बन्दी बना कर मारा पीटा गया। गुरू ग्रन्थ साहिब को अपमानित किया गया एवं गुरूद्वारे की बिल्डिंग को बम से हमला कर क्षति पहुंचाई गयी। साथ में धमकी भी दी गयी कि हिन्दू और सिक्ख या तो अफगानिस्तान छोड़े़ या फिर धर्म परिवर्तन कर ले।

पूर्व में पाकिस्तान खैबर पख्तून स्थित मीना बाजार में भी दो सिक्ख दुकानदारों की हत्या कर दी गयी एवं दोनों घटनाओं की खुरासन आतंकवादी संगठन ने जिम्मेदारी ली है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में पाकिस्तानी सिक्ख सांसद की भी हत्या कर दी गयी थी। अफगानिस्तान में सिक्खों के अतिरिक्त इसाईयों को भी जान से मारा गया एवं उनके ईबादतगाहों को भी क्षति पहुचाई। इसाई महिलाओं के साथ भी अभद्र व्यवहार किया गया। पाकिस्तान में सिन्ध प्रान्त में रह रहे सिन्धी भी अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे है एवं निरन्तर उनके ऊपर तरह-तरह के जुल्म पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों द्वारा किये जा रहे हैं। आरोप लगाया कि हिन्दू एवं सिक्ख कन्याओं का जबरन धर्मपरिवर्तन भी कराया जा रहा है।

सतपाल सिंह मीत ने बताया कि धर्म संसद का उद्देश्य विदेश में घटित हुई घटनाओं से आपसी भाईचारे, धार्मिक सौहार्द का हनन न हो, इस विषय में सभी धर्म गुरूओं के विचारों एवं सुझावों से धार्मिक सौहाद्रता को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मुस्लिम, सिक्ख , सिन्धी , बौद्ध एवं सनातन मठ का एक ही मत है कि ईश्वर एक है उसको मानने का तरीका अलग है। हर व्यक्ति को अपने धर्म एवं आस्था को मानने का अधिकार है। हर धर्म मानव धर्म को सर्वप्रिय धर्म मानते हुए सेवा संकल्प के सिद्धान्त को मानता है। भारत में अनुच्छेद 30 के अन्तर्गत अल्पसंख्यको के अधिकार एवं सुरक्षा पर विशेष महत्व दिया गया है जो कि शायद किसी देश में देखने को नहीं मिलेगा।

सभी धर्मों के गुरूओं की ओर से लखनऊ गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के नेतृत्व में एक ज्ञापन राष्ट्रपति को 26 जून को सौंपा जाएगा, जिसमें पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा आत्मसम्मान, जान-माल को सुनिश्चित करने के लिए निवेदन किया गया है। कमेटी की ओर से भारत सरकार से मांग की गई है कि दोनों देशों में हुई आतंकवादी घटनाओं को सख्ती से निपटे । अगर ये दोनों देश अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को सुनिश्चित नहीं करते तो भारत विश्व मानव अधिकार आयोग के साथ मिलकर समस्या का निदान करें।

बैठक में मुख्य रूप से मुस्लिम धर्म के सूफीयान निज़ामी, इसाई धर्म से क्राईस्ट चर्च कालेज के प्राचार्य क्षेत्री , ब्रह्मकुमारी आध्यात्मिक केन्द्र से राधा बहन, सिन्धी समाज से मुरलीधर अहूजा, इसाई समाज से फादर डॉनाल्ड, सिक्ख समाज के अनुयायी एवं गुरद्वारा प्रबन्धक कमेटी के सदस्य तेजपाल सिंह रोमी, दलजीत सिंह टोनी, परविंदर सिंह, सदस्य अल्पसंख्यक आयोग ,जसविंदर सिंह, सदस्य उ.प्र.पंजाबी एकेडमी, गुरद्वारा इन्दिरानगर से हरपाल सिंह, हरमिन्दर सिंह टीटू, स. इन्दर सिंह छाबड़ा, जसविन्दर सिंह बेदी, सुरिन्दर सिंह गोलू, परमजीत सिंह लाली , महाबोधी सोसाइटी आफ इंडिया भंते ज्ञान लोक थोरो व अन्य लोग सम्मिलित थे।

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button