प्रयागराज CRPF जवान की पीड़ा पर CM योगी की सख्ती, जनसेवक का दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं

प्रयागराज से सामने आया एक मामला पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है, जहां ड्यूटी निभा रहे एक CRPF जवान ने अपनी पीड़ा साझा की। जवान ने बताया कि स्थानीय स्तर पर उसे अपमानजनक व्यवहार और परेशानियों का सामना करना पड़ा। जवान की इस शिकायत ने प्रदेश सरकार का ध्यान खींचा और मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि प्रदेश में तैनात किसी भी जनसेवक, सुरक्षाकर्मी या सरकारी अधिकारी-कर्मचारी के साथ दुर्व्यवहार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सीएम योगी ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जनसेवक जनता की सेवा के लिए होते हैं और उनके सम्मान की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने साफ किया कि प्रदेश सरकार कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक अनुशासन को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही सहन नहीं करेगी। इस घटना के बाद संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे मामले की जांच कर कार्रवाई सुनिश्चित करें।
यह घटना न केवल प्रयागराज बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है। CRPF जैसे अर्धसैनिक बल देश की सुरक्षा और शांति व्यवस्था के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। अगर उन्हें ही अपमान का सामना करना पड़े तो यह एक गंभीर सवाल खड़ा करता है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री योगी ने इस पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और स्पष्ट संदेश दिया कि उत्तर प्रदेश में जनसेवकों की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
सरकार की यह सख्ती इस बात का प्रमाण है कि योगी आदित्यनाथ प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता और सम्मान बनाए रखने के लिए कृतसंकल्प हैं। उन्होंने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से भी कहा है कि वे जनता और सुरक्षाकर्मियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करें, ताकि जनविश्वास और भरोसा मजबूत हो सके।
प्रयागराज का यह मामला आने वाले समय में एक नजीर बन सकता है। इससे स्पष्ट है कि राज्य सरकार जनसेवकों के अधिकार और गरिमा को सर्वोपरि मानती है। मुख्यमंत्री की यह चेतावनी उन सभी के लिए है जो अपनी जिम्मेदारियों से भटककर जनसेवकों के साथ अभद्रता या दुर्व्यवहार करने की कोशिश करते हैं।
इस पूरे प्रकरण ने यह साबित किया है कि उत्तर प्रदेश सरकार का रुख स्पष्ट है—सुरक्षा बलों, जनसेवकों और सरकारी कर्मचारियों की इज्जत से कोई समझौता नहीं होगा। मुख्यमंत्री का यह कड़ा संदेश निश्चित रूप से प्रदेश में प्रशासनिक कार्यप्रणाली को और अधिक अनुशासित व जवाबदेह बनाएगा।