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Amazon पर खुलेआम बिक रहा था गांजा, कंपनी के अधिकारियों पर NDPS के तहत मामला दर्ज, जानिए पूरी बात

मध्य प्रदेश के भिंड जिले की पुलिस ने ऑनलाइन गांजा बिक्री रैकेट का भंडाफोड़ करने के बाद शनिवार को एमेजॉन इंडिया के कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. दर्ज मामले के अनुसार, कथित तौर पर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए स्वीटनर बेचने की आड़ में गांजा बेचा गया था.

एमेजॉन ने इससे पहले एक बयान में कहा था कि वह अपने प्लेटफॉर्म के जरिए अवैध उत्पादों की बिक्री की इजाजत नहीं देता है और वह इस मामले में जांच में सहयोग कर रहा है. भिंड के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने बताया कि देश में एएसएसएल के तौर पर काम करने वाली एमेजॉन इंडिया के कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटांसेस (NDPS) एक्ट की धारा 38 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

21.7 किलोग्राम गांजा बरामद हुआ था

उन्होंने कहा कि प्राथमिकी में किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं है. एसपी ने बताया कि ग्वालियर निवासी बिजेंद्र तोमर और सूरज उर्फ कल्लू पवैया के पास से 21.7 किलोग्राम गांजा बरामद होने के बाद 13 नवंबर को जिले के गोहद थाने में NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया.

CAIT ने की थी NCB से जांच की मांग

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने केंद्र सरकार से तत्काल इस संगीन मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई की मांग करते हुए यह भी मांग की थी कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) को एमेजॉन के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि इसने विक्रेता के रूप में काम किया, पैसा एकत्र किए, अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किया, कमीशन अर्जित किया और आर्यन खान पर लगाये गए आरोपों से भी ज्यादा गम्भीर काम किया, जिसके लिए उस पर सख्त कार्रवाई होनी जरूरी है.

अभी गांजा बिक रहा, कल हथियार बिकेंगे

खंडेलवाल ने एनसीबी सहित सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को इस अवैधता के लिए एमेजॉन और उसके शीर्ष प्रबंधन के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने और आपराधिक कार्रवाई शुरू करने की माँग की है. अगर गाँजे को उनके पोर्टल के माध्यम से बेचा जा सकता है तो वो दिन दूर नहीं जब हथियारों की अवैध आपूर्ति या अन्य राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों और मनी लॉन्ड्रिंग में व्यापार भी उनके पोर्टल पर संचालित होगा.

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