उत्तर प्रदेशलखनऊ

प्राइवेट बिल्डरों के बहुरे दिन, निवेशकों ने बढ़ाये हाथ

लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की ओर से शहरी क्षेत्र में अवैध निर्माण कार्यों पर जबरदस्त कार्यवाही से प्राइवेट बिल्डरों के दिन बहुरे हैं। स्थायी रुप से कार्य को कराने वाले बिल्डरों को निवेशकों का सहयोग भी मिलने का सिलसिला शुरू हो चुका है। एलडीए ने बीते छह माह में लखनऊ में छोटे बड़े सौ से ज्यादा अवैध अपार्टमेंट, बिल्डिंगों को सील की कार्यवाही कर बंद कराया। इससे मानचित्र स्वीकृत करा के बिल्डिंग बनाने वाले बिल्डरों को बड़ी राहत मिली है। बिल्डरों ने उनके ही क्षेत्र में अवैध निर्माण कार्यो के रुकने से राहत की सांस भी ली है। बिल्डरों का मानना है कि इससे उनके प्रापर्टी के रेट में कमी नहीं आयेगी।

प्राइवेट बिल्डरों के ज्यादातर कार्यालय गोमती नगर क्षेत्र में हैं। इसी तरह एक बड़े प्राइवेट बिल्डर जो अपना कार्यालय गोमती नगर के विभूतिखंड में बनाए हुए हैं, उन्होंने एलडीए की कार्यवाही पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अवैधरूप से जहां तहां बनने वाले बिल्डिंगों, अपार्टमेंट के कारण प्रापर्टी के रेट कम हो जाया करते हैं। जो ग्राहक उन तक पहुंचना चाहिए, वो अवैध निर्माण करा के बेचने वालों के झासे में फंस रह जाता है। उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में प्रापर्टी खरीदने वालों को बैंक से मिलने वाला ऋण में राहत मिलेगी।

इसका कारण प्राइवेट बैंकों की ओर से ढेरों आफर वाली स्कीमों का बाजार में आना है। इसे बैंक से जुड़े कर्मचारी बिल्डरों को भी बताते हैं, जिससे प्रापर्टी खरीदने आने वाले ग्राहक को बैंक से होने वाले लाभ से जोड़ा जा सके। ऐशबाग क्षेत्र में कार्यालय खोलने वाले बिल्डर मनीष की मानें तो लखनऊ में बीते दो वर्षो में प्रापर्टी का रेट कम हुआ है। फिलहाल रेट बढ़ने वाले नहीं है। आजकल बिल्डिंग में निवेश करने वाले मिलने लगे हैं, ये अच्छा माहौल है। इसके कारण रेट बढ़ने वाले नहीं है। सुल्तानपुर रोड पर प्लाट बेचने का काम जोरों पर हैं लेकिन वहां भी इधर ग्राहकों के आवागमन में कमी आयी है।

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